
हरियाणा वन विभाग निर्देश: हरियाणा में सफेदा के बाद काबुली कीकर पेड़ों की कटाई शुरू, वन मंत्री राव नरबीर सिंह ने सड़कों के किनारे 10% पेड़ हटाने के निर्देश दिए।
हरियाणा वन विभाग निर्देश: हरियाणा सरकार ने सफेदा (यूकेलिप्टस) के बाद अब काबुली कीकर (बबूल) के पेड़ों को कटाई के दायरे में लाने का फैसला किया है। वन मंत्री राव नरबीर सिंह ने प्रदेश में सड़क किनारे हर साल कम से कम 10% काबुली कीकर पेड़ों को हटाकर उनकी जगह उपयुक्त और पर्यावरण अनुकूल वृक्ष लगाने के निर्देश जारी किए हैं।
काबुली कीकर की कटाई और पर्यावरण संरक्षण
वन मंत्री ने स्पष्ट किया है कि सफेदा जैसे जल-गहन वृक्षों के पौधे अब वन विभाग द्वारा नहीं लगाए जाएंगे। हालांकि, यदि कोई किसान निजी जमीन पर सफेदा लगाना चाहता है, तो उसे रोका नहीं जाएगा, लेकिन भविष्य में विभागीय खरीद बंद रहेगी।
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पौधारोपण की लागत में कमी की मांग
राव नरबीर सिंह ने यह भी कहा कि पौधारोपण के लिए गड्ढा खुदाई की दर 24 रुपये प्रति गड्ढा ज्यादा है, जिसे कम किया जाना चाहिए। उन्होंने कृषि वानिकी, ग्रीन इंडिया मिशन और लकड़ी आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए विशेष पौधारोपण कार्यक्रमों पर जोर दिया है।
वन विभाग में बदलाव के निर्देश
मंत्री ने अधिकारियों को आदेश दिए हैं कि वे अपनी कार्यशैली में सुधार लाएं ताकि जनता को वन विभाग में वास्तविक बदलाव नजर आए। यह कदम हरियाणा के पर्यावरण संरक्षण और हरित विकास को मजबूती देने की दिशा में उठाया गया है।
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