जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा: राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग

जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा: राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने और लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग की।
जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और संसद में विपक्ष के नेता राहुल गांधी (लोकसभा नेता प्रतिपक्ष) तथा मल्लिकार्जुन खरगे (राज्यसभा विपक्ष नेता एवं कांग्रेस अध्यक्ष) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक संयुक्त पत्र लिखकर केंद्र सरकार से जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने और लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग की है।
पत्र में उन्होंने आग्रह किया है कि आगामी मानसून सत्र में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर को पुनः राज्य का दर्जा देने के लिए विधेयक पेश किया जाए। इसके साथ ही, लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने के लिए भी विधेयक लाया जाए ताकि वहां के लोगों के सांस्कृतिक और राजनीतिक अधिकारों की रक्षा हो सके।
जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग
राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे ने बताया कि पिछले पांच वर्षों से जम्मू-कश्मीर के लोग राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग कर रहे हैं। यह एक संवैधानिक और लोकतांत्रिक अधिकार है। उन्होंने कहा कि आज़ाद भारत में यह पहला मामला है जब किसी पूर्ण राज्य को विभाजित कर केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया।
“We urge upon the Government to bring forward a legislation in the upcoming Monsoon Session of Parliament to grant full statehood to the Union Territory of Jammu and Kashmir.
Additionally, we request that the Government bring forward legislation to include the Union Territory of… pic.twitter.com/GQuthpxG79
— Congress (@INCIndia) July 16, 2025
पत्र में प्रधानमंत्री मोदी के पिछले वादों का भी उल्लेख किया गया है। 19 मई 2024 को भुवनेश्वर में दिए गए एक साक्षात्कार और 19 सितंबर 2024 को श्रीनगर में एक रैली में प्रधानमंत्री ने राज्य का दर्जा बहाल करने की प्रतिबद्धता जताई थी। साथ ही, अनुच्छेद 370 से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में भी यह आश्वासन दिया था कि जम्मू-कश्मीर को जल्द से जल्द राज्य का दर्जा वापस दिया जाएगा।
लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने का प्रस्ताव
पत्र में लद्दाख के मुद्दे पर भी जोर दिया गया कि संविधान की छठी अनुसूची में शामिल होने से वहां के निवासियों की सांस्कृतिक, विकासात्मक और राजनीतिक आकांक्षाओं को मजबूती मिलेगी। इससे उनकी भूमि, पहचान और अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित होगी।
For More English News: http://newz24india.in