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सावन में चांदी के नंदी खरीदना शुभ होता है? क्या है धार्मिक महत्व और वास्तु के अनुसार इसका असर?

क्या सावन में चांदी के नंदी खरीदना शुभ होता है? जानें नंदी की मूर्ति के धार्मिक महत्व, वास्तु अनुसार स्थान और इससे मिलने वाले लाभ। पढ़ें पूरी जानकारी।

सावन में चांदी के नंदी खरीदना: 11 जुलाई से शुरू हुए सावन माह में भगवान शिव की उपासना का विशेष महत्व है। इस पवित्र महीने में शिव भक्त उपवास, पूजा-पाठ, मंत्र-जप और रुद्राभिषेक के साथ-साथ भगवान शिव से जुड़ी वस्तुओं को भी अपने घर लाते हैं। इन्हीं में से एक है चांदी के नंदी (बैल)- भगवान शिव की प्रिय सवारी। सवाल उठता है कि क्या सावन में चांदी का नंदी घर लाना शुभ होता है या नहीं? आइए जानते हैं इसका धार्मिक, ज्योतिषीय और वास्तु शास्त्र के अनुसार महत्व।

क्या सावन में चांदी के नंदी खरीदना सही है?

सावन में चांदी के नंदी खरीदना: हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नंदी महाराज भगवान शिव के वाहन और परम भक्त हैं। शिव मंदिरों में भी नंदी की प्रतिमा को मुख्य मंदिर के द्वार पर स्थापित किया जाता है, जहां से वह शिवलिंग के दर्शन करते हैं। वास्तु और धर्म शास्त्र दोनों ही यह मानते हैं कि घर में चांदी का नंदी रखना शुभ होता है — विशेष रूप से सावन के महीने में।

नंदी की मूर्ति को कहां और कैसे रखें?

  • शिवलिंग से थोड़ी दूरी पर: शिव मंदिरों की ही तरह घर में भी नंदी की प्रतिमा को शिवजी की मूर्ति या तस्वीर से थोड़ी दूरी पर रखें।

  • ईशान कोण में स्थापना: अगर पूजा स्थल पर न रख सकें, तो घर के ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) में नंदी की मूर्ति रखें।

  • गंगाजल से शुद्ध करें: मूर्ति स्थापित करने से पहले स्थान को साफ करें और गंगाजल से शुद्ध करें।

ध्यान रखें: नंदी जी को शिव के समतुल्य स्थान न दें — इससे धार्मिक दृष्टिकोण से अशुभ माना जाता है।

चांदी का नंदी रखने के लाभ (धार्मिक और वास्तु शास्त्र अनुसार)

  1. शिव कृपा प्राप्त होती है: नंदी भगवान शिव के प्रिय हैं, इसलिए उनकी प्रतिमा रखने से शिवजी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

  2. घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है: नंदी की उपस्थिति से घर में सकारात्मकता और शांति का संचार होता है।

  3. आर्थिक समस्याओं से मुक्ति: धार्मिक मान्यता है कि नंदी की कृपा से धन से जुड़ी बाधाएं दूर होती हैं।

  4. वास्तु दोष का नाश: वास्तु शास्त्र के अनुसार नंदी जी की मूर्ति घर के दोषों को कम करती है।

  5.  परिवार में भक्ति और परिश्रम का भाव: नंदी को भक्ति, तप और सेवा का प्रतीक माना जाता है। उनकी उपस्थिति से ये गुण परिवार में भी पनपते हैं।

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