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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिटेन और मालदीव यात्रा के लिए रवाना हुए

आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिटेन और मालदीव के लिए दो दिवसीय दौरे पर रवाना हो चुके हैं। इस यात्रा का उद्देश्य भारत के व्यापार, रक्षा, शिक्षा, और क्षेत्रीय कूटनीति में नई ऊँचाइयाँ स्थापित करना है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिटेन और मालदीव यात्रा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 23 और 24 जुलाई को ब्रिटेन की यात्रा पर हैं, जहां उनका मुख्य एजेंडा भारत और ब्रिटेन के बीच लंबित मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को अंतिम रूप देना है। इस समझौते से दोनों देशों के बीच व्यापार में तेजी आएगी और भारतीय वस्तुओं को ब्रिटेन में बेहतर पहुंच मिलेगी। ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के साथ मोदी की बातचीत में यह मुद्दा अहम रहेगा। इसके साथ ही, ब्रिटेन के महाराजा चार्ल्स तृतीय से भी प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकात होगी।

शिक्षा और प्रौद्योगिकी में गहरा सहयोग- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

इस दौरे के दौरान भारत और ब्रिटेन के बीच शिक्षा और प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में सहयोग को भी बढ़ावा मिलेगा। साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय ने गुरुग्राम में अपना पहला कैंपस खोला है, जो भारत की नई शिक्षा नीति के तहत विदेशी विश्वविद्यालयों के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। साथ ही, दोनों देश दूरसंचार, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, क्वांटम कंप्यूटिंग, और जैव प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करने की योजना बना रहे हैं।

मालदीव में क्षेत्रीय सुरक्षा और विकास पर फोकस

ब्रिटेन दौरे के बाद प्रधानमंत्री मोदी 25 और 26 जुलाई को मालदीव पहुंचेंगे, जहां वे राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू से मुलाकात करेंगे। यह मुइज्जू के पद संभालने के बाद उनकी पहली राजकीय यात्रा होगी। मालदीव भारत की ‘पड़ोसी प्रथम नीति’ और ‘महासागर विजन’ का अहम हिस्सा है। इस यात्रा के दौरान क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा और विकास परियोजनाओं पर चर्चा होगी।

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व्यापक आर्थिक और समुद्री सुरक्षा साझेदारी को मिलेगा बल

भारत और मालदीव पहले से ‘व्यापक आर्थिक और समुद्री सुरक्षा साझेदारी’ पर सहमत हैं। इस यात्रा से दोनों देशों के बीच सहयोग और मजबूत होगा, जिससे हिंद महासागर क्षेत्र में सामरिक स्थिति सशक्त होगी। भारत की यह पहल क्षेत्रीय स्थिरता और विकास को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

रणनीतिक महत्व और भारत का विकास लक्ष्य

ब्रिटेन में मुक्त व्यापार समझौते से भारत की “मेक इन इंडिया” योजना को बल मिलेगा और भारतीय उत्पादों की वैश्विक प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। वहीं मालदीव यात्रा से भारत की क्षेत्रीय कूटनीति को मजबूती मिलेगी। प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा भारत के 2047 तक विकसित देश बनने के लक्ष्य के अनुरूप रणनीतिक और आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

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