राज्यपंजाब

सीएम भगवंत मान ने पटियाला के काली माता मंदिर में टेका माथा

पंजाब के सीएम भगवंत मान ने पटियाला के प्रसिद्ध काली माता मंदिर में माथा टेककर प्रदेशवासियों की सुख-शांति की कामना की।

पंजाब केसीएम भगवंत मान ने मंगलवार को पटियाला स्थित ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण श्री काली माता मंदिर में माथा टेककर पूजा-अर्चना की। इस अवसर पर उन्होंने पंजाब और पंजाबियों की सुख-शांति और समृद्धि की कामना की।

धार्मिक आस्था और जनकल्याण का संगम

सीएम भगवंत मान के साथ इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह और मंदिर की प्रबंधन कमेटी के अध्यक्ष व समाजसेवी राजेंद्र गुप्ता भी मौजूद थे। सीएम भगवंत मान का यह दौरा न केवल धार्मिक आस्था से जुड़ा था, बल्कि जनसेवा और सार्वजनिक सुविधाओं के निरीक्षण के नजरिए से भी बेहद अहम रहा।

मंदिर में चल रहे विकास कार्यों का निरीक्षण- सीएम भगवंत मान

सीएम भगवंत मान ने मंदिर परिसर में चल रहे विकास कार्यों का गहन निरीक्षण किया और अधिकारियों व प्रबंधन समिति के साथ विस्तृत चर्चा की। उन्होंने मंदिर की नई प्रबंधन कमेटी के सदस्यों से मुलाकात करते हुए व्यवस्थाओं में पारदर्शिता और श्रद्धालुओं के लिए बेहतर सुविधाएं सुनिश्चित करने पर ज़ोर दिया।

सीएम भगवंत मान ने पटियाला के काली माता मंदिर में टेका माथा

also read:- पंजाब के गांवों में पहुंचेगी स्वास्थ्य सेवा: सीएम भगवंत…

भगवंत मान ने कहा: “श्री काली माता मंदिर आस्था का केंद्र है, यहां आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होनी चाहिए। सरकार और प्रबंधन समिति मिलकर इस पावन स्थल को और भी सुंदर व सुविधाजनक बनाएंगे।”

प्रबंधन समिति के प्रयासों की सराहना

सीएम भगवंत मान ने मंदिर के सुचारू संचालन और श्रद्धालुओं के लिए की जा रही व्यवस्थाओं पर प्रबंधन समिति की सराहना की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार धार्मिक स्थलों के संरक्षण और उनके समुचित विकास के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने सुझाव दिया कि मंदिर में साफ-सफाई, सुरक्षा, पेयजल, बैठने की व्यवस्था और डिजिटल जानकारी जैसी आधुनिक सुविधाओं को भी बढ़ावा दिया जाना चाहिए, ताकि श्रद्धालुओं को एक बेहतर अनुभव मिल सके।

सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण का संदेश

भगवंत मान ने इस मौके पर यह भी दोहराया कि धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों का संरक्षण पंजाब की पहचान को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाता है। काली माता मंदिर जैसे ऐतिहासिक स्थल ना सिर्फ आस्था का केंद्र हैं, बल्कि सांझी विरासत और सामाजिक एकता के प्रतीक भी हैं।

For More English News: http://newz24india.in

Related Articles

Back to top button