क्या दूध के साथ विटामिन डी लेना चाहिए? जानिए विटामिन डी के सेवन का सही तरीका
विटामिन डी की कमी और उसके असर
आजकल की जीवनशैली और खान-पान में विटामिन डी की कमी आम समस्या बनती जा रही है। विटामिन डी की कमी से हड्डियां कमजोर हो सकती हैं, मांसपेशियों में दर्द हो सकता है, और इम्यूनिटी कमजोर हो सकती है। ऐसे में डॉक्टर अक्सर विटामिन डी सप्लीमेंट्स लेने की सलाह देते हैं। लेकिन इसका असर बढ़ाने के लिए जरूरी है कि इसे सही तरीके से कंज्यूम किया जाए।
दूध के साथ विटामिन डी लेने के फायदे
(दूध के साथ विटामिन डी) विटामिन डी एक फैट घुलनशील विटामिन है, यानी इसे शरीर में सही तरीके से अवशोषित करने के लिए फैट की जरूरत होती है। दूध में प्राकृतिक रूप से फैट होता है, जो विटामिन डी के अवशोषण में मदद करता है। इसलिए, हेल्थ एक्सपर्ट्स सलाह देते हैं कि विटामिन डी कैप्सूल या टैबलेट को दूध के साथ लेने से इसका प्रभाव बेहतर होता है और आपका शरीर इसे आसानी से इस्तेमाल कर पाता है।
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दूध नहीं पीते तो क्या करें?
अगर आप दूध नहीं पी पाते हैं या लैक्टोज इनटॉलरेंस जैसे कारणों से दूध से बचते हैं, तो चिंता करने की जरूरत नहीं है। आप विटामिन डी के कैप्सूल को पानी के साथ भी ले सकते हैं। लेकिन इस स्थिति में अपने भोजन में हेल्दी फैट्स जैसे बादाम, एवोकाडो, या ओलिव ऑयल को शामिल करना जरूरी है ताकि विटामिन डी का सही अवशोषण हो सके।
विटामिन डी की कमी कैसे दूर करें?
विटामिन डी की कमी दूर करने के लिए सिर्फ सप्लीमेंट पर निर्भर न रहें। रोजाना कुछ देर धूप में बैठना, विटामिन डी से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे मक्खन, अंडे, और फैटी फिश का सेवन भी लाभकारी होता है। साथ ही, सप्लीमेंट लेने से पहले डॉक्टर से परामर्श लेना बेहद जरूरी है, क्योंकि अनियमित या जरूरत से अधिक सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
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