गर्दन और कमर दर्द से बचने के लिए बैठने का सही तरीका: जानें एक्सपर्ट से
गर्दन और कमर दर्द से छुटकारा पाना चाहते हैं? जानें सही बैठने का तरीका और एक्सपर्ट के सुझाए आसान उपाय, जो आपको स्लिप डिस्क, टेक्स्ट नेक और रीढ़ की समस्याओं से बचा सकते हैं।
आधुनिक जीवनशैली में ऑफिस, पढ़ाई या मोबाइल स्क्रीन पर घंटों बैठे रहने की वजह से गर्दन और कमर दर्द आम समस्या बन चुकी है। लेकिन यह समस्या उम्र बढ़ने या हड्डियों की कमजोरी के बजाय गलत बैठने की आदतों की वजह से होती है। मैक्स अस्पताल के आर्थोपेडिक्स डिपार्टमेंट के यूनिट हेड डॉ. अखिलेश यादव इस संबंध में उपयोगी टिप्स साझा कर रहे हैं।
गलत बैठने का असर : जानिए क्यों बिगड़ता है स्वास्थ्य
गलत काम करने की मुद्रा, जैसे कि:
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लैपटॉप या कंप्यूटर के सामने झुके रहना।
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स्क्रीन आंखों से बहुत नीचे होना।
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गर्दन का लगातार झुका रहना।
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ऐसे हालातों से स्लिप डिस्क और पुरानी पीठ दर्द (क्रॉनिक बैक पेन) जैसे रोगों का खतरा बढ़ जाता है।
विशेषकर 25–35 वर्ष के युवा वर्ग में यह समस्या तेजी से फैल रही है, और यह बहुत धीरे-धीरे विकसित होती है।
एक्सपर्ट दे रहे हैं ये प्रभावी टिप्स:
डॉ. अखिलेश यादव की सलाह है:
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पीठ को बिलकुल सीधा रखें और अपनी रीढ़ को प्राकृतिक “S‑shape” में ही सपोर्ट दें।
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यदि कुर्सी कठोर हो, तो कमर के पीछे एक छोटा कुशन लगाएं।
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पैरों को हमेशा फ्लोर पर टिकाकर रखें क्रॉस-लेग या ऊंची कुर्सी से बचें।
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कंप्यूटर या लैपटॉप स्क्रीन को आंखों के स्तर पर रखें ताकि गर्दन झुकाने की ज़रूरत न पड़े।
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मोबाइल फोन का उपयोग भी आंखों के स्तर पर करें बार-बार नीचे झुकने से बचें।
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हर 30–40 मिनट में उठकर थोड़ी देर टहलें, स्ट्रेचिंग करें, गर्दन व कंधे घुमाएं।
एक्सरसाइज़ भी है बेहद ज़रूरी
इन बैठने की आदतों के साथ निम्न व्यायाम शामिल करना भी लाभकारी है:
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प्रतिदिन 15–20 मिनट हल्का वॉक करें।
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योगासन जैसे भुजंगासन, ताड़ासन, मकरासन रीढ़ और गर्दन की मजबूती बढ़ाते हैं।
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डेस्क जॉब करने वाले लोग “चाइल्ड पोज़” और “कैट-काऊ स्ट्रेच” को अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं, ये रीढ़ को लचीलापन देते हैं और दर्द से बचाते हैं।
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अगर आप भविष्य में गर्दन और कमर दर्द से बचना चाहते हैं, तो थोड़ी सावधानी और सही पोज़िशन अपनाएं
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सीधे बैठें,
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स्क्रीन को आंखों के स्तर पर रखें,
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समय-समय पर ब्रेक लें,
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और नियमित स्ट्रेच व एक्सरसाइज़ करें।
इस तरह छोटी-छोटी आदतें आपकी जीवनशैली को बेहतर बना सकती हैं और दर्द से मुक्त कर सकती हैं।
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