मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड में आपदा प्रबंधन को लेकर जिलाधिकारियों को दिए सख्त निर्देश, 72 घंटे में आर्थिक सहायता अनिवार्य
रेस्क्यू वाहन खरीदने के दिए निर्देश
सचिव सुमन ने कहा कि प्रत्येक तहसील के लिए एक रेस्क्यू वाहन खरीदा जाना चाहिए। साथ ही जिला स्तर पर गठित क्विक रिस्पांस टीमों की हर महीने 1, 11 और 21 तारीख को बैठक अनिवार्य होगी, जिसका कार्यवृत्त यूएसडीएमए के साथ साझा किया जाएगा। केंद्र की सात सदस्यीय टीम जल्द ही प्रदेश में अतिवृष्टि और आपदा प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करेगी, जिसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली जाएं।
टिहरी बांध से जल छोड़े जाने पर अलर्ट जारी
सचिव ने टिहरी बांध से जल छोड़े जाने की जानकारी देहरादून और हरिद्वार जिलों को समय पर देने के निर्देश भी दिए। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के तहत सभी नागरिकों तक आपदा संबंधी सूचनाएं पहुंचाना जिलों की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है।
संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान और हेलिपैड ऑडिट
अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजकुमार नेगी ने कहा कि धराली आपदा से सबक लेते हुए नदी किनारे संवेदनशील रिहायशी क्षेत्रों की पहचान कर अलर्ट मैकेनिज्म विकसित किया जाए। साथ ही उन्होंने ऐसे सभी हेलिपैडों का ऑडिट करने का सुझाव दिया जो अभी उपयोग में नहीं हैं, ताकि आपातकालीन स्थिति में उनका शीघ्र उपयोग हो सके।
सूचनाओं का समय-समय पर अपडेट रहना आवश्यक
अपर सचिव आनंद स्वरूप ने कहा कि जिलों में आपदा संबंधी सूचनाएं हमेशा अपडेट रहें ताकि केंद्र सरकार या गृह मंत्रालय की मांग पर तुरंत उपलब्ध कराई जा सकें। साथ ही खर्च की गई धनराशि की रिपोर्ट शासन को भेजी जाए और आवश्यकतानुसार अतिरिक्त धनराशि के प्रस्ताव भी प्रस्तुत किए जाएं।
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