स्वास्थ्य

लिवर और किडनी की दवाइयों में होता है इस जंगली पौधे का इस्तेमाल, जानिए जबरदस्त फायदे और सेवन का तरीका

पुनर्नवा एक औषधीय पौधा है जो लिवर और किडनी की दवाइयों में इस्तेमाल होता है। जानिए इसके फायदे, उपयोग का तरीका और सावधानियां इस हेल्थ आर्टिकल में।

लिवर और किडनी: आयुर्वेद में ऐसे कई औषधीय पौधे मौजूद हैं जो आधुनिक विज्ञान के लिए भी उपयोगी सिद्ध हो चुके हैं। इन्हीं में से एक है पुनर्नवा (Punarnava), जिसे आमतौर पर एक साधारण जंगली पौधा या खरपतवार माना जाता है। लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि यह पौधा लिवर और किडनी की महंगी दवाइयों में प्रमुख रूप से इस्तेमाल किया जाता है। इसके डिटॉक्सिफाइंग गुण इसे आयुर्वेद में अमूल्य बनाते हैं। आइए जानते हैं कि यह पौधा कैसे काम करता है, इसके क्या फायदे हैं और इसका सेवन कैसे करें।

क्या है पुनर्नवा और क्यों है खास?

पुनर्नवा एक जंगली रूप से उगने वाला पौधा है जो खासकर मानसून के मौसम में पूरे भारत में खरपतवार की तरह पाया जाता है। (लिवर और किडनी) यह पौधा भारत के अलावा श्रीलंका और दक्षिण अमेरिका जैसे देशों में भी पाया जाता है। इसमें विटामिन C और कई आवश्यक पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो इसे एक प्रभावशाली आयुर्वेदिक औषधि बनाते हैं।

पुनर्नवा का लिवर और किडनी पर असर

  • डिटॉक्सिफिकेशन: पुनर्नवा लिवर को डिटॉक्स करने में मदद करता है। यह लिवर कोशिकाओं से विषैले तत्वों को बाहर निकालने का काम करता है।

  • मूत्रवर्धक गुण: यह एक प्राकृतिक डाययूरेटिक है, जिससे शरीर में जमा अतिरिक्त पानी और विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं।

  • किडनी हेल्थ: यह किडनी को साफ रखता है और पथरी जैसी समस्याओं से बचाने में सहायक हो सकता है।

  • वात-पित्त-कफ का संतुलन: आयुर्वेद के अनुसार, पुनर्नवा शरीर में त्रिदोषों को संतुलित करने में मदद करता है।

अन्य स्वास्थ्य लाभ

  • गैस और पेट दर्द में राहत देता है।

  • घाव भरने की क्षमता रखता है; इसके लेप से त्वचा जल्दी ठीक होती है।

  • जोड़ों के दर्द में पुनर्नवा का तेल लाभकारी होता है।

  • कब्ज, अपच और अन्य पेट की समस्याओं में फायदेमंद।

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पुनर्नवा का सेवन कैसे करें?

  1. पाउडर के रूप में: आधा चम्मच पुनर्नवा चूर्ण को गर्म पानी में मिलाकर रोज़ सुबह खाली पेट लें। यह किडनी और लिवर के फंक्शन को बेहतर बनाता है।

  2. रस के रूप में: भोजन से पहले पुनर्नवा का रस लेने से कब्ज जैसी समस्याओं में राहत मिलती है।

  3. तेल के रूप में मालिश: जोड़ों के दर्द या सूजन में पुनर्नवा तेल से मालिश करें।

ध्यान रखें:

  • किसी भी आयुर्वेदिक औषधि की तरह, पुनर्नवा का सेवन डॉक्टर की सलाह से करें, खासकर यदि आप पहले से किसी मेडिकल कंडीशन का इलाज करवा रहे हैं।

  • अधिक मात्रा में सेवन से दस्त या डिहाइड्रेशन जैसी समस्या हो सकती है।

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