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पंजाब सरकार का नया फरमान: रजिस्ट्री के लिए आपात प्री-स्क्रूटनी पर लगेगा 10,000 रुपए का शुल्क

पंजाब सरकार ने रजिस्ट्री प्रक्रिया में नया नियम लागू किया है। आपात प्री-स्क्रूटनी के लिए अब 10,000 रुपए का शुल्क देना होगा, जिससे जनता में असंतोष बढ़ा है। जानें पूरी खबर और विशेषज्ञों की राय।

पंजाब सरकार ने तहसीलों में व्याप्त भ्रष्टाचार को खत्म करने और रजिस्ट्री प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए पहले इजी रजिस्ट्रेशन पॉलिसी लागू की थी। लेकिन अब सरकार ने एक नया आदेश जारी किया है, जिसके अनुसार यदि कोई व्यक्ति आपात स्थिति में अपनी प्री-स्क्रूटनी तुरंत करवाना चाहता है तो उसे 10,000 रुपए का तत्काल शुल्क देना होगा। यह नया ‘शॉर्टकट’ शुल्क पंजाब के सभी सब-रजिस्ट्रार और तहसीलदार कार्यालयों में समान रहेगा।

सरकार का यह कदम आम जनता और डीड राइटरों दोनों के लिए चिंता का विषय बन गया है। प्रॉपर्टी कारोबारी और आम नागरिक सवाल कर रहे हैं कि क्या यह सुविधा है या जनता की मजबूरी का फायदा उठाने की चाल। जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष दीपक मोदी ने भी इसे गरीब और मध्यमवर्ग के खिलाफ बताया और सरकार से राहत का रास्ता निकालने की मांग की।

क्या है इजी रजिस्ट्रेशन पॉलिसी?

इजी रजिस्ट्रेशन पॉलिसी के तहत पंजाब सरकार ने तहसीलों और सब-रजिस्ट्रार कार्यालयों में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए ऑनलाइन सुविधा केंद्र शुरू किए थे। इन केंद्रों पर मात्र 550 रुपए शुल्क देकर रजिस्ट्री की प्रक्रिया पूरी की जा सकती है। इसके लिए सरकार द्वारा नियुक्त वकील और पूर्व पटवारी दस्तावेज तैयार करते हैं, जिन्हें उप-पंजीयक कार्यालय में पूर्व-जांच (प्री-स्क्रूटनी) के लिए भेजा जाता है। इस चरण में किसी स्टाम्प पेपर या अतिरिक्त सरकारी शुल्क की जरूरत नहीं होती, जिससे आम लोगों को तहसील आने-जाने की झंझट से मुक्ति मिलती है।

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नया आदेश और जनता की प्रतिक्रियाएं

हालांकि, नए आदेश के अनुसार यदि कोई व्यक्ति आपातकालीन परिस्थितियों में रजिस्ट्री प्रक्रिया तुरंत करवाना चाहता है, तो उसे 10,000 रुपए का अतिरिक्त शुल्क देना होगा। यह नियम सभी तहसील और सब-रजिस्ट्रार कार्यालयों में लागू होगा। इससे आम जनता में असंतोष फैल गया है और कई लोग इसे सरकारी तंत्र की तरफ से अतिरिक्त राजस्व वसूलने की कोशिश मान रहे हैं।

विशेषज्ञों की राय

सीनियर एडवोकेट अनूप गौतम ने इस पॉलिसी की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार का उद्देश्य भले ही भ्रष्टाचार समाप्त करना था, लेकिन लगातार बदलावों ने प्रक्रिया को और जटिल बना दिया है। उन्होंने सुझाव दिया कि आपात प्री-स्क्रूटनी का शुल्क 1,000 से 2,000 रुपए के बीच रखा जाना चाहिए, जिससे आम जनता पर भारी बोझ न पड़े और प्रक्रिया सुचारू रूप से चल सके।

सरकार का कदम: पारदर्शिता और सूचना

पंजाब सरकार ने सभी तहसील और सब-रजिस्ट्रार कार्यालयों में नोटिस बोर्ड लगाने के निर्देश भी दिए हैं, ताकि रजिस्ट्री संबंधी पूरी जानकारी नागरिकों के लिए स्पष्ट हो। नोटिस बोर्डों पर ऑनलाइन सुविधा केंद्र और शुल्क की जानकारी उपलब्ध रहेगी, जिससे आम लोग प्रक्रिया को बेहतर समझ सकें।

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