हरियाणा विधानसभा में तीन विधेयक पारित: विधायकों के भत्ते, पिछड़ा वर्ग आयोग की शक्ति और अनधिकृत औद्योगिक कॉलोनियों को वैधता मिलेगी।
हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान आज तीन महत्वपूर्ण विधेयकों को बहस और चर्चा के बाद पारित कर दिया गया। ये विधेयक राज्य में सामाजिक, आर्थिक और शहरी व्यवस्थाओं को और अधिक सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माने जा रहे हैं।
पारित किए गए विधेयकों में शामिल हैं:
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हरियाणा विधानसभा (सदस्य वेतन, भत्ता एवं पेंशन) संशोधन विधेयक, 2025
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हरियाणा पिछड़ा वर्ग आयोग (संशोधन) विधेयक, 2025
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हरियाणा नगरपालिका बाह्य क्षेत्र प्रबंधन (विशेष उपबंध) संशोधन विधेयक, 2025
विधायकों की यात्रा भत्ता सीमा में बदलाव
हरियाणा विधानसभा (सदस्य वेतन, भत्ता एवं पेंशन) अधिनियम, 1975 में संशोधन कर यह सुनिश्चित किया गया है कि अब विधायकों को मासिक ₹10,000 का विशेष यात्रा भत्ता मिलेगा, चाहे उनकी पेंशन और महंगाई भत्ता कितनी भी हो। पहले यह सीमा ₹1 लाख तक की कुल राशि पर निर्भर थी, जिसे अब हटा दिया गया है। यह संशोधन वर्तमान मुद्रास्फीति और परिवहन खर्चों को ध्यान में रखते हुए लाया गया है।
पिछड़ा वर्ग आयोग को मिलेगी कानूनी सुरक्षा और अधिक अधिकार
हरियाणा पिछड़ा वर्ग आयोग अधिनियम, 2016 में संशोधन करते हुए अब आयोग के कार्यक्षेत्र को बढ़ाया गया है। इसके अंतर्गत आयोग को कानूनी संरक्षण देने के लिए नई धारा 18 जोड़ी गई है, ताकि कोई भी सदस्य, अधिकारी या कर्मचारी आयोग के कार्यों के लिए मुकदमे या कानूनी कार्रवाई से सुरक्षित रह सके। इस बदलाव से पिछड़े वर्गों के हितों की सुरक्षा में आयोग की भूमिका और मजबूत होगी।
अनधिकृत औद्योगिक क्षेत्रों को मिलेगा वैध दर्जा और सुविधाएं
हरियाणा नगरपालिका बाह्य क्षेत्र प्रबंधन अधिनियम, 2021 में किए गए संशोधन से अब अनधिकृत औद्योगिक कॉलोनियों को भी वैधता मिलने का रास्ता साफ हुआ है। यदि किसी औद्योगिक क्षेत्र में कम से कम 50 उद्योग 10 एकड़ में फैले हों और पोर्टल पर आवेदन करें, तो उन्हें सरकारी मान्यता प्राप्त औद्योगिक इकाई माना जाएगा जब तक कि सरकार उनका अंतिम निर्णय न ले।
इस कदम का उद्देश्य ऐसे क्षेत्रों में बुनियादी नागरिक सुविधाएं और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदान करना है ताकि स्वस्थ और व्यवस्थित औद्योगिक वातावरण सुनिश्चित किया जा सके।
हरियाणा सरकार का फोकस – न्याय, सुविधा और विकास
इन विधेयकों के माध्यम से हरियाणा सरकार ने यह संकेत दिया है कि राज्य में सामाजिक न्याय, प्रतिनिधियों की सुविधा और शहरी-औद्योगिक विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। ये बदलाव न केवल प्रशासनिक पारदर्शिता लाएंगे, बल्कि आम नागरिकों और व्यवसायों के लिए स्थायी सुधार की दिशा में भी महत्वपूर्ण साबित होंगे।
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