पंजाब की भयानक बाढ़ में केंद्र द्वारा मात्र ₹1600 करोड़ राहत पैकेज घोषित करने पर कैबिनेट मंत्रियों ने जताई कड़ी नाराजगी, ₹80,000 करोड़ की मांग को बताया अनदेखा।
पंजाब इतिहास की सबसे भयानक बाढ़ की चपेट में है, जिसमें राज्य के लाखों लोग अपने घर, खेत और रोजगार से वंचित हो गए हैं। ऐसे समय में केंद्र सरकार द्वारा केवल ₹1600 करोड़ का राहत पैकेज घोषित किए जाने पर पंजाब के कैबिनेट मंत्रियों ने कड़ी आलोचना की है।
कैबिनेट मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां, हरदीप सिंह मुंडियां, हरभजन सिंह ई.टी.ओ., बरिंदर कुमार गोयल, लाल चंद कटारूचक्क और लालजीत सिंह भुल्लर ने मिलकर कहा कि केंद्र द्वारा जारी ₹1600 करोड़ का राहत पैकेज पंजाब के ₹80,000 करोड़ के मांग के मुकाबले अत्यंत नगण्य है और यह सिर्फ दिखावा है।
मंत्रियों ने बताया कि पंजाब ने हाल की सबसे भीषण बाढ़ का सामना किया है, जिसमें पूरे गाँव जलमग्न हो गए और राज्य की कृषि-आधारित अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का यह कदम किसानों, मजदूरों और आम जनता के लिए अपमानजनक है, जिन्होंने इस आपदा में भारी नुकसान झेला है।
कैबिनेट ने स्पष्ट किया कि पंजाब द्वारा ₹20,000 करोड़ की मांग वास्तविक नुकसान का सही आकलन है और केंद्र सरकार की यह राशि बहुत ही कम है। उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि इस संकट की घड़ी में संकीर्ण दृष्टिकोण छोड़कर पंजाब के लिए ठोस और बड़ा राहत पैकेज दिया जाए।
मंत्रियों ने कहा, “जब घर में आग लगी हो तो पानी की बूँदें नहीं गिनी जातीं। इसी तरह बाढ़ राहत के लिए मिली नगण्य राशि इस बड़े नुकसान को पूरा नहीं कर सकती।”
पंजाब के लोगों की दुर्दशा को देखते हुए केंद्र सरकार से तत्काल और पर्याप्त मदद की अपील की गई है ताकि पीड़ित अपनी जिंदगी फिर से पटरी पर ला सकें।
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