पंजाब सरकार ने आशा वर्करों और आशा फैसीलीटेटर्स को 6 महीने का पूर्ण वेतन मातृत्व अवकाश देने का ऐतिहासिक फैसला लिया है। वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने इसे महिला सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम बताया।
पंजाब सरकार ने राज्य की महिला स्वास्थ्य कर्मियों के हित में एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के तहत कार्यरत आशा वर्करों (ASHA Workers) और आशा फैसीलीटेटर (ASHA Facilitators) को छह महीने का पूर्ण वेतन मातृत्व अवकाश (Paid Maternity Leave) देने की घोषणा की है।
इस महत्वपूर्ण फैसले की घोषणा राज्य के वित्त मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने की। उन्होंने बताया कि यह लाभ मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961 (Maternity Benefit Act, 1961) के प्रावधानों के अनुसार दिया जाएगा।
महिला स्वास्थ्य कर्मियों के लिए सशक्त कदम
वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने प्रेस बयान में कहा कि यह फैसला महिला कर्मचारियों की भलाई, स्वास्थ्य और अधिकारों की रक्षा के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह मातृत्व अवकाश किसी अन्य अवकाश खाते से नहीं काटा जाएगा, बल्कि यह एक स्वतंत्र लाभ होगा।
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ठेके और आउटसोर्स कर्मियों को भी पहले से मिलता रहा है लाभ
चीमा ने बताया कि सरकार ने पहले ही ठेका, सलाहकार और आउटसोर्स आधार पर कार्यरत महिला कर्मियों को मातृत्व लाभ देने की स्वीकृति दी हुई है। अब आशा वर्कर और फैसीलीटेटर को भी इस दायरे में शामिल किया गया है।
आशा वर्करों के जीवन में आएगा बदलाव
वित्त मंत्री ने कहा कि आशा वर्कर जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ हैं और वे पेशेवर कार्यों के साथ-साथ पारिवारिक जिम्मेदारियों का भी निर्वहन करती हैं। ऐसे में मातृत्व अवकाश का यह लाभ उनके जीवन में सकारात्मक और परिवर्तनकारी प्रभाव डालेगा।
महिला सशक्तिकरण की दिशा में अहम पहल
पंजाब सरकार का यह निर्णय महिला सशक्तिकरण, कार्यस्थल पर समानता, और स्वास्थ्य संबंधी अधिकारों की दिशा में एक मजबूत कदम माना जा रहा है। इससे महिलाओं को सुरक्षित और सम्मानजनक कार्य वातावरण मिलेगा, साथ ही राज्य की स्वास्थ्य प्रणाली भी मजबूत होगी।
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