Russia- ukran: लोगों के आंसू नहीं रुक रहे, बोले- कुछ समझ ही नहीं आ रहा
यूक्रेन में हालात दिन पर दिन बदतर हो गए हैं। रूस के हमले गुरुवार को 8वें दिन भी जारी हैं। दस से ज्यादा शहर बर्बाद हो चुके हैं। कई इलाके खंडहर और वीरान जैसे लगने लगे हैं। सड़कें बमबारी की दहशत से सूनी हो गई हैं। UN के आंकड़ों के मुताबिक, दस लाख से ज्यादा लोग देश छोड़ चुके हैं। जो बचे हैं वे हताश और निराश हैं। पूछ रहे हैं हमारा आगे क्या होगा? रोजगार, परिवार, संपत्ति जैसे सब कुछ बिखर गया है। रॉकेट हमलों में कई रिहायशी इमारतों को नुकसान हुआ है। हजारों लोग बेघर हो गए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 60 हजार आबादी वाले इस शहर से 80 फीसदी लोग सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं।
रॉकेट हमलों में कई रिहायशी इमारतों को नुकसान हुआ है। हजारों लोग बेघर हो गए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 60 हजार आबादी वाले इस शहर से 80 फीसदी लोग सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं। रूस ने बुधवार को यहां रॉकेट हमले किए। ज्यादातर इलाका जलकर खाक हो गया है। हमले के बाद जगह-जगह आग की लपटें देखी गईं। कुछ लोग डरकर बंकरों में चले गए हैं, जबकि ज्यादातर लोग बस्ती छोड़ने के बारे में सोच रहे हैं। रूस ने बुधवार को यहां रॉकेट हमले किए। ज्यादातर इलाका जलकर खाक हो गया है। हमले के बाद जगह-जगह आग की लपटें देखी गईं। कुछ लोग डरकर बंकरों में चले गए हैं, जबकि ज्यादातर लोग बस्ती छोड़ने के बारे में सोच रहे हैं। रूस ने जितोमिर शहर में भी तबाही मचाई। पिछले 24 घंटे से यहां रुक-रुक कर बमबारी हो रही है। कई इलाके बर्बाद हो चुके हैं। सुबह जब बमबारी रुकी तो लोग अपने घर पहुंचे। सब कुछ तबाह देख अपने आंसू नहीं रोक पाए। रूस ने जितोमिर शहर में भी तबाही मचाई। पिछले 24 घंटे से यहां रुक-रुक कर बमबारी हो रही है। कई इलाके बर्बाद हो चुके हैं। सुबह जब बमबारी रुकी तो लोग अपने घर पहुंचे। सब कुछ तबाह देख अपने आंसू नहीं रोक पाए।
कीव के मोतिजिन इलाके की सूनसान सड़क पर हमले में नष्ट हुआ टैंक। इस पर ‘V’ लिखा हुआ है। उधर, यूक्रेन का दावा है कि उसने रूसी सेना के 3 मार्च तक 200 से ज्यादा टैंक उड़ा दिए और 9000 हजार से ज्यादा सैनिक मार गिराए। कीव के मोतिजिन इलाके की सूनसान सड़क पर हमले में नष्ट हुआ टैंक। इस पर ‘V’ लिखा हुआ है। उधर, यूक्रेन का दावा है कि उसने रूसी सेना के 3 मार्च तक 200 से ज्यादा टैंक उड़ा दिए और 9000 हजार से ज्यादा सैनिक मार गिरादूसरे विश्व युद्ध के बाद कीव में 52 मेट्रो स्टेशन और सुरंगें बनाई गई थीं। ताकि इनका इस्तेमाल लोगों की आवाजाही और जंग के वक्त छिपने के लिए किया जा सके। रूसी हमलों से बचने के लिए इनमें हजारों लोग शरण लिए हुए हैं। यह फोटो ऐसे ही एक अंडरग्राउंड शेल्टर की है। यह कपल भी अपने जरूरी सामानों के साथ यहां छिपा है।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद कीव में 52 मेट्रो स्टेशन और सुरंगें बनाई गई थीं। ताकि इनका इस्तेमाल लोगों की आवाजाही और जंग के वक्त छिपने के लिए किया जा सके। रूसी हमलों से बचने के लिए इनमें हजारों लोग शरण लिए हुए हैं। यह फोटो ऐसे ही एक अंडरग्राउंड शेल्टर की है। यह कपल भी अपने जरूरी सामानों के साथ यहां छिपा है।