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Papankusha Ekadashi 2025: पापांकुशा एकादशी व्रत का पारण कब करें? जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Papankusha Ekadashi 2025: जानें 4 अक्टूबर को पारण का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और पारण में क्या करें सेवन। व्रत से मिलते हैं पुण्य फल और मोक्ष।

Papankusha Ekadashi 2025: आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाने वाला पापांकुशा एकादशी व्रत हिन्दू धर्म में विशेष फलदायक माना गया है। यह व्रत सभी प्रकार के पापों का नाश करने वाला होता है और मोक्ष प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त करता है। साल 2025 में पापांकुशा एकादशी का व्रत 3 अक्टूबर, शुक्रवार को रखा गया, जबकि व्रत का पारण 4 अक्टूबर, शनिवार को द्वादशी तिथि के दौरान किया जाएगा।

Papankusha Ekadashi 2025: शुभ मुहूर्त

पारण तिथि: 4 अक्टूबर 2025 (शनिवार)

द्वादशी समाप्ति समय: शाम 5:11 बजे तक

पारण का उत्तम समय: सुबह 6:23 बजे से 8:44 बजे तक

ध्यान दें कि एकादशी व्रत का पारण प्रातःकाल के समय करना सबसे शुभ माना जाता है। इस अवधि में व्रती को पारण कर व्रत का समापन करना चाहिए।

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Papankusha Ekadashi व्रत पारण की विधि

स्नान और शुद्धता: पारण वाले दिन सुबह ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान करें और शुद्ध वस्त्र धारण करें।

भगवान विष्णु की पूजा: घर के पूजास्थल में भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र के सामने दीपक जलाएं।

अभिषेक: भगवान विष्णु का गंगाजल या पंचामृत से अभिषेक करें।

भोग अर्पण: भगवान को तुलसी, फल, मिठाई, और सुखे मेवे अर्पित करें।

मंत्र जाप: “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें या विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।

आरती और पारण: भगवान विष्णु की आरती करें और पूजा के बाद अर्पित भोग को प्रसाद रूप में ग्रहण करें।

Papankusha Ekadashi पारण में क्या खाएं?

व्रत खोलते समय सात्विक भोजन किया जाना चाहिए। आप व्रत का पारण चावल, घी, शहद, आंवला, और सूखे मेवे खाकर कर सकते हैं।

Papankusha Ekadashi का महत्व

पौराणिक मान्यता के अनुसार, पापांकुशा एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति के सभी पापों का नाश होता है और भगवान विष्णु की कृपा से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। यह व्रत व्यक्ति को यमलोक के भय से मुक्त करता है और मोक्ष की प्राप्ति कराता है।

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