स्वास्थ्य

How Eyes Can Reveal Heart Problems: आंखों में दिखें ये लक्षण तो तुरंत लें डॉक्टर से सलाह

How Eyes Can Reveal Heart Problems: जानें कैसे आंखों में दिखने वाले संकेत दिल की बीमारियों का शुरुआती पता दे सकते हैं। समय पर OCT स्कैन और आंखों की जांच से हार्ट प्रॉब्लम से बचें।

How Eyes Can Reveal Heart Problems: क्या आप जानते हैं कि आपकी आंखें दिल की बीमारियों का संकेत दे सकती हैं? हाल ही में हुई रिसर्च में यह पाया गया है कि रेगुलर आंखों की जांच सिर्फ आंखों के लिए ही नहीं बल्कि हार्ट की बीमारियों का शुरुआती संकेत पहचानने में भी मददगार है। आंखों की रेटिना में छोटी-छोटी रक्त वाहिकाएं (Blood Vessels) होती हैं, जो पूरे शरीर की ब्लड वेसल्स की स्थिति को दर्शाती हैं। इसलिए डॉक्टर अक्सर आंखों की जांच के दौरान हार्ट की संभावित समस्याओं का पता पहले ही लगा लेते हैं, इससे पहले कि मरीज को सीने में दर्द या सांस फूलने जैसी समस्या महसूस हो।

आंखों में कौन से संकेत हार्ट प्रॉब्लम बताते हैं

  1. आई स्ट्रोक्स (Eye Strokes): आंख की नसों में ब्लड फ्लो कुछ समय के लिए रुक जाने पर रेटिना पर छोटे निशान दिखाई देते हैं। यह संकेत देता है कि आंख को पर्याप्त ऑक्सीजन और पोषण नहीं मिल रहा।

  2. रेटिनल डैमेज: रेटिना में हल्की क्षति का मतलब हो सकता है कि दिल या ब्लड वेसल्स पर दबाव है और भविष्य में हार्ट प्रॉब्लम हो सकती है।

  3. नसों का पतला या टेढ़ा-मेढ़ा होना, हल्का रिसाव या ब्लीडिंग, रेटिना की बनावट में बदलाव – ये सभी संकेत शरीर में होने वाले कार्डियक बदलावों की तरफ इशारा करते हैं।

हार्ट की बीमारी आंखों में क्यों दिखती है?

दिल की बीमारियाँ अक्सर धीरे-धीरे बढ़ती हैं और शुरुआती दौर में कोई स्पष्ट लक्षण नहीं देती।

  • आंखों की ब्लड वेसल्स बेहद पतली और संवेदनशील होती हैं।

  • ब्लॉकेज या नुकसान सबसे पहले यहां दिखाई देता है।

  • OCT स्कैन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी तकनीकें डॉक्टरों को इन बारीक बदलावों को जल्दी पहचानने में मदद करती हैं।

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एक्सपर्ट की राय

अमेरिकन एकेडमी ऑफ ऑप्थाल्मोलॉजी के डॉ. जोसेफ नेजगोदा के अनुसार, आंख की तस्वीर (OCT Scan) से डॉक्टर अंदाजा लगा सकते हैं कि कहीं दिल की बीमारी तो नहीं पनप रही। जितनी जल्दी बीमारी पकड़ में आती है, उतना ही आसानी से उसका इलाज और नियंत्रण किया जा सकता है।

किन लोगों को ज्यादा सतर्क रहना चाहिए?

  • हाई ब्लड प्रेशर वाले

  • हाई कोलेस्ट्रॉल वाले

  • टाइप 2 डायबिटीज के मरीज

  • धूम्रपान करने वाले या पूर्व स्मोकर्स

  • जिनके परिवार में हार्ट की बीमारी का इतिहास हो

  • 40 साल से अधिक उम्र वाले लोग

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