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मुख्यमंत्री धामी की घोषणा पर तेजी से शुरू हुई कार्यवाही, उत्तराखंड में भूमि बंदोबस्त के लिए 15 दिन में बनेगी एसओपी

उत्तराखंड में भूमि बंदोबस्त प्रक्रिया की तैयारी तेज, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर 15 दिनों में नई एसओपी और कार्ययोजना तैयार करने के लिए आठ सदस्यीय समिति गठित।

राज्य में कृषि भूमि के व्यापक और वैज्ञानिक बंदोबस्त को लेकर उत्तराखंड सरकार ने तैयारी और तेज कर दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा राज्य स्थापना की रजत जयंती पर पूरे प्रदेश में अगले पांच वर्षों के भीतर चरणबद्ध भूमि बंदोबस्त की घोषणा के बाद राजस्व परिषद सक्रिय हो गई है। इसी क्रम में परिषद ने एक आठ सदस्यीय विभागीय समिति का गठन कर दिया है, जो 15 दिनों के भीतर विस्तृत कार्ययोजना और मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करेगी।

राजस्व परिषद की आयुक्त एवं सचिव रंजना राजगुरु के अनुसार, भूमि बंदोबस्त प्रक्रिया को सुचारु रूप से लागू करने के लिए मौजूदा राजस्व नियमों और अधिनियमों में संशोधन किए जाने की आवश्यकता होगी। परिषद की ओर से गठित समिति इन सभी पहलुओं पर विस्तृत अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी, ताकि प्रदेशभर में कृषि भूमि का सर्वेक्षण और रिकॉर्ड सुधार समयबद्ध तरीके से शुरू किया जा सके।

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समिति में गढ़वाल मंडल के अपर आयुक्त उत्तम सिंह चौहान, राजस्व परिषद के संयुक्त संचालक चकबंदी नरेश चंद्र दुर्गापाल, स्टाफ ऑफिसर सोनिया पंत, भू-विशेषज्ञ एन.एस. डांगी, चकबंदी अधिकारी अनिल कुमार, सर्वेक्षण इकाई के पेशी कानूनगो मनोज श्रीवास्तव, सेवानिवृत्त सर्वे नायब तहसीलदार मोहम्मद मोहसिन और सेवानिवृत्त सर्वे कानूनगो मोहन सिंह रावत को शामिल किया गया है।

सरकार का मानना है कि आधुनिक तकनीक के माध्यम से अद्यतन भूमि सर्वेक्षण न केवल कृषि क्षेत्र में पारदर्शिता और सुव्यवस्था लाएगा, बल्कि भूमि विवादों में कमी और विकास योजनाओं के तेजी से क्रियान्वयन में भी मदद करेगा। समिति की रिपोर्ट के बाद राज्य में चरणबद्ध भूमि बंदोबस्त की प्रक्रिया औपचारिक रूप से शुरू हो जाएगी।

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