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धर्म

Geeta Jayanti 2025: गीता पाठ के नियम जानें, वरना नहीं मिलेगा पूरा फल

जानें Geeta Jayanti 2025 पर गीता पाठ के नियम, शुभ मुहूर्त और विधि। सही तरीके से पाठ करने पर मिलेगा पूरा फल और आध्यात्मिक लाभ।

Geeta Jayanti 2025 हर साल मार्गशीर्ष माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन मनाई जाती है। इस दिन मोक्षदा एकादशी का व्रत रखा जाता है और भगवान विष्णु को विशेष रूप से श्रद्धा से अर्पित किया जाता है। इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने महाभारत के युद्ध के दौरान कुरुक्षेत्र में भगवत गीता का ज्ञान दिया था। इसलिए Geeta Jayanti 2025 पर गीता का पाठ करना अत्यंत शुभ माना जाता है।

गीता पाठ के नियम और महत्व

भगवत गीता हिंदू धर्म का एक पवित्र ग्रंथ है। इसके उपदेश व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की क्षमता रखते हैं। लेकिन Geeta Jayanti 2025 पर गीता का पाठ तभी पूर्ण लाभ देता है जब पाठ करते समय कुछ नियमों का पालन किया जाए।

स्वच्छता और पवित्रता का ध्यान:

गीता का पाठ करने से पहले शरीर और मन की स्वच्छता आवश्यक है। सुबह उठकर स्नान करें और साफ-सुथरे वस्त्र पहनें। आसन बिछाकर शांत मन से गीता का पाठ प्रारंभ करें।

शांतिपूर्ण स्थान का चयन:

गीता पढ़ने के लिए ऐसी जगह चुनें जो शांत और स्वच्छ हो। पाठ के दौरान ध्यान भटकने न पाए, किसी से बातचीत न करें और पूरी एकाग्रता से गीता पढ़ें।

गीता को जमीन पर न रखें:

गीता को सीधे जमीन पर नहीं रखना चाहिए। इसे हमेशा लकड़ी के आसन या चौकी पर रखें। गंदे हाथों से गीता को न छुएं और पढ़ते समय नकारात्मक विचार न लाएँ।

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पूर्ण श्रद्धा और समझ के साथ पाठ:

Geeta Jayanti 2025 पर गीता का पाठ केवल पढ़ने के लिए नहीं, बल्कि समझकर अपने जीवन में अपनाने के लिए करना चाहिए। गीता के उपदेशों को जीवन में उतारना ही पाठ का पूरा फल देता है।

Geeta Jayanti 2025 का लाभ

जब पाठ करते समय उपरोक्त नियमों का पालन किया जाता है, तो गीता का पाठ व्यक्ति को मानसिक शांति, जीवन में सकारात्मकता और आध्यात्मिक बल प्रदान करता है। नियमों की अनदेखी करने पर पाठ का पूरा फल प्राप्त नहीं होता। इसलिए इस Geeta Jayanti 2025 पर पाठ करते समय पवित्रता, एकाग्रता और श्रद्धा का पूरा ध्यान रखें।

इस तरह, Geeta Jayanti 2025 न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह हमारे जीवन में आध्यात्मिक और नैतिक उन्नति का भी मार्ग खोलता है।

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