माघ मेला 2026: प्रयागराज में 44 दिनों तक चलेगा भव्य आध्यात्मिक आयोजन
माघ मेला 2026 प्रयागराज में 3 जनवरी से 15 फरवरी तक आयोजित होगा। जानिए माघ मेले की शाही स्नान तिथियां, कल्पवास और धार्मिक महत्व के बारे में पूरी जानकारी।
माघ मेला 2026 हर साल की तरह इस बार भी प्रयागराज के त्रिवेणी संगम (गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती का संगम) पर आयोजित किया जाएगा। यह आयोजन कुल 44 दिनों तक चलेगा और लाखों श्रद्धालुओं व साधु-संतों के लिए आध्यात्मिक अनुभव का प्रमुख केंद्र रहेगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माघ मेले के दौरान संगम में स्नान करने से सभी पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति भी संभव है।
माघ मेले की प्रमुख तिथियां
इस साल माघ मेला 2026 की शुरुआत 3 जनवरी 2026 को पौष पूर्णिमा से होगी और यह 15 फरवरी 2026, महाशिवरात्रि तक जारी रहेगा। इस दौरान शाही स्नान की मुख्य तिथियां इस प्रकार हैं:
3 जनवरी 2026: पौष पूर्णिमा – मेला और कल्पवास की शुरुआत
14 जनवरी 2026: मकर संक्रांति – दूसरा प्रमुख शाही स्नान
18 जनवरी 2026: मौनी अमावस्या – तीसरा मुख्य स्नान
23 जनवरी 2026: वसंत पंचमी – चौथा शाही स्नान
1 फरवरी 2026: माघी पूर्णिमा – पांचवां प्रमुख स्नान (कल्पवासियों का मुख्य स्नान)
15 फरवरी 2026: महाशिवरात्रि – मेले का समापन और अंतिम स्नान
माघ मेले का महत्व
पौराणिक कथाओं के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान अमृत की चार बूंदें अलग-अलग स्थानों पर गिरीं, जिनमें प्रयागराज प्रमुख है। यही कारण है कि हर साल प्रयागराज में माघ मेला लगता है और हर 12 साल में कुंभ मेले का आयोजन भी यहीं होता है। माघ मेले के दौरान संगम में स्नान करने से व्यक्ति के पाप धुल जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
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कल्पवास: आध्यात्मिक साधना का अद्भुत अनुभव
माघ मेले का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा कल्पवास है। इस दौरान कल्पवासी पूरे एक महीने संगम तट पर साधारण टेंटों या झोपड़ियों में रहते हैं। कल्पवासियों की दिनचर्या में शामिल हैं:
रोजाना संगम में गंगा स्नान
मंत्र जाप और कीर्तन
धार्मिक प्रवचन सुनना
तपस्या और साधना में लीन रहना
कल्पवास साधकों को सांसारिक भोगों से दूर रहकर आत्मशुद्धि और आध्यात्मिक विकास का अवसर देता है।
माघ मेला 2026 न केवल आध्यात्मिक अनुभव का अवसर है, बल्कि यह धार्मिक विश्वास और भारतीय संस्कृति के संरक्षण का भी प्रतीक है। लाखों श्रद्धालु इस आयोजन में भाग लेकर अपने जीवन को पवित्र और मोक्ष मार्ग पर अग्रसर करते हैं।
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