संगरूर से आप पार्टी के सांसद गुरमीत सिंह मीत हेयर ने संसद में आंगनवाड़ी वर्करों के मानदेय बढ़ाने, पंजाब बाढ़ राहत पैकेज और खेलों में भेदभाव को लेकर महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए।
संगरूर से आम आदमी पार्टी के लोकसभा सदस्य गुरमीत सिंह मीत हेयर ने संसद में सप्लीमेंट्री मांगों पर चर्चा के दौरान कई महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए और संबंधित अनुदान की मांग की। उन्होंने आंगनवाड़ी वर्करों और हेल्परों के न्यूनतम मानदेय को बढ़ाने, पंजाब में हाल ही में आई बाढ़ के कारण हुए नुकसान की भरपाई के लिए वित्तीय सहायता बढ़ाने और अन्य जनहित मुद्दों को लेकर संसद में जोरदार आवाज उठाई।
आंगनवाड़ी वर्करों के मानदेय में वृद्धि की मांग
मीत हेयर ने संसद में आंगनवाड़ी वर्करों और हेल्परों की स्थिति पर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि ये कर्मी समाज के सबसे महत्वपूर्ण हिस्से हैं, खासकर बच्चों के पालन-पोषण में। बावजूद इसके, उन्हें मिलने वाले मानदेय में कोई वृद्धि नहीं की गई है। केंद्र सरकार द्वारा आंगनवाड़ी वर्करों को केवल 4500 रुपये और हेल्परों को 2250 रुपये दिए जा रहे हैं, जो उनके काम के हिसाब से बहुत कम हैं। मीत हेयर ने सरकार से इन कर्मचारियों का मानदेय बढ़ाकर स्थायी वेतन देने की मांग की और उन्हें नियमित रूप से नियुक्त करने की बात की।
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पंजाब बाढ़ राहत पैकेज की मांग
सांसद ने पंजाब में हाल ही में आई भीषण बाढ़ का जिक्र किया और कहा कि इस बाढ़ ने राज्य को लगभग 20 हजार करोड़ रुपये का भारी वित्तीय नुकसान पहुंचाया है। इसके बावजूद केंद्र सरकार द्वारा घोषित 1600 करोड़ रुपये के पैकेज के लिए अब तक कोई राशि जारी नहीं की गई है। मीत हेयर ने मांग की कि केंद्र सरकार तुरंत बाढ़ राहत पैकेज के तहत 20 हजार करोड़ रुपये जारी करे ताकि राज्य में बुनियादी ढांचे के पुनर्निर्माण और अन्य राहत कार्यों को तेजी से पूरा किया जा सके।
जनगणना और राशन कार्ड पर विचार
मीत हेयर ने जनगणना न होने के कारण बढ़ती आबादी और राशन कार्ड की संख्या में कमी का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि 2021 में कोविड-19 महामारी के कारण जनगणना नहीं हो सकी और अब तक इस संबंध में कोई कार्यवाही नहीं की गई। 2011 की जनगणना के आधार पर पंजाब में 14,14,5000 राशन कार्ड बने थे, लेकिन अब बढ़ती आबादी को ध्यान में रखते हुए इनकी संख्या में वृद्धि की आवश्यकता है।
खेलों में भेदभाव का आरोप
खेलों के क्षेत्र में केंद्र सरकार द्वारा पंजाब को अनदेखा किए जाने का मुद्दा भी मीत हेयर ने उठाया। उन्होंने कहा कि जबकि पंजाब के 8 खिलाड़ियों ने हॉकी में पदक जीते हैं, केंद्र सरकार ने गुजरात को 2024 पेरिस ओलंपिक खेलों के लिए खेल अनुदान दिए, जबकि गुजरात ने कोई पदक नहीं जीता। मीत हेयर ने मांग की कि राज्यों को खेलों के लिए अनुदान उनके प्रदर्शन के आधार पर दिया जाए, न कि क्षेत्रीय पक्षपाती दृष्टिकोण से।
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