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धर्म

संकष्टी चतुर्थी 2026: बप्पा की कृपा पाने का पावन व्रत, जानें सालभर की तिथियां

Sankashti Chaturthi 2026 List: जानें साल 2026 में संकष्टी चतुर्थी और अंगारकी चतुर्थी की सभी तिथियां। इस पावन व्रत पर करें गणेश पूजा, व्रत, दान और पाएं बप्पा की कृपा।

संकष्टी चतुर्थी हिंदू धर्म में अत्यंत शुभ व्रत माना जाता है। यह दिन भगवान गणेश को समर्पित होता है और श्रद्धा और नियमपूर्वक पूजा करने से जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं। ‘संकष्टी’ का अर्थ ही होता है “कष्टों का नाश करने वाली”, और इस दिन व्रत रखने से भक्तों को सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

संकष्टी चतुर्थी का महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माता पार्वती ने अपने पुत्र गणेश की लंबी उम्र और कल्याण के लिए संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा था। तभी से यह व्रत विशेष रूप से संतान सुख, मानसिक शांति, सफलता और जीवन की बाधाओं के निवारण के लिए फलदायी माना जाता है। अगर यह व्रत मंगलवार को पड़ता है, तो इसे अंगारकी चतुर्थी कहा जाता है और इसका महत्व और भी बढ़ जाता है।

संकष्टी चतुर्थी के दिन सूर्योदय से लेकर चंद्र दर्शन तक व्रत रखा जाता है। इस दिन श्रद्धालु तिल, मूंगफली और हल्के भोजन का सेवन करते हैं और भगवान गणेश की पूजा अर्चना कर अपनी मनोकामनाओं की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करते हैं।

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2026 में संकष्टी चतुर्थी की तिथियां

वर्ष 2026 में संकष्टी चतुर्थी और अंगारकी चतुर्थी की तिथियां इस प्रकार हैं:

6 जनवरी 2026, मंगलवार – अंगारकी चतुर्थी

5 फरवरी 2026, गुरुवार – संकष्टी चतुर्थी

6 मार्च 2026, शुक्रवार – संकष्टी चतुर्थी

5 अप्रैल 2026, रविवार – संकष्टी चतुर्थी

5 मई 2026, मंगलवार – अंगारकी चतुर्थी

3 जून 2026, बुधवार – संकष्टी चतुर्थी

3 जुलाई 2026, शुक्रवार – संकष्टी चतुर्थी

2 अगस्त 2026, रविवार – संकष्टी चतुर्थी

31 अगस्त 2026, सोमवार – संकष्टी चतुर्थी

29 सितंबर 2026, मंगलवार – अंगारकी चतुर्थी

29 अक्टूबर 2026, गुरुवार – संकष्टी चतुर्थी

27 नवंबर 2026, शुक्रवार – संकष्टी चतुर्थी

26 दिसंबर 2026, शनिवार – संकष्टी चतुर्थी

संकष्टी चतुर्थी पर करें ये उपाय

स्नान और पूजा: प्रातःकाल स्नान करके घर में साफ-सफाई करें और गणेश जी की प्रतिमा या तस्वीर के सामने पूजा करें।

व्रत और निर्जला उपवास: व्रत रखते समय हल्का भोजन या निर्जला उपवास रखना श्रेष्ठ माना जाता है।

दान-पुण्य: इस दिन जरूरतमंदों को दान देने से पितरों की कृपा प्राप्त होती है।

गणेश मंत्र का जाप: “ॐ गं गणपतये नमः” मंत्र का जाप करने से बाधाएं दूर होती हैं और मन की इच्छाएं पूरी होती हैं।

संकष्टी चतुर्थी का व्रत करने से घर में सुख-शांति, स्वास्थ्य और समृद्धि बनी रहती है। इस साल 2026 में सालभर संकष्टी चतुर्थी के इन शुभ अवसरों पर पूजा करके भगवान गणेश की विशेष कृपा प्राप्त करें।

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