मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान: लगभग 50 लाख श्रद्धालु छोटे साहिबजादों और माता गुजरी जी को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।
- सुचारू यातायात प्रबंधन के लिए गूगल की सेवाओं का उपयोग किया जाएगा; फतेहगढ़ साहिब जाने वाले मार्गों पर वास्तविक समय में यातायात की जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने शहीदी सभा के अवसर पर फतेहगढ़ साहिब में छोटे साहिबजादों और माता गुजरी जी के सर्वोच्च बलिदान को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए दुनिया भर से आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के लिए राज्य सरकार द्वारा की जा रही व्यवस्थाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
विस्तृत जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं, परिवहन, स्वच्छता और सुरक्षा के लिए व्यापक उपाय किए गए हैं ताकि किसी भी श्रद्धालु को असुविधा न हो। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए स्वास्थ्य सुविधाओं के संबंध में विशेष कदम उठाए गए हैं। भगवंत सिंह मान ने बताया कि 20 आम आदमी क्लीनिक और पांच औषधालय स्थापित किए जा रहे हैं जहां विशेषज्ञ डॉक्टर और कर्मचारी कार्यरत रहेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि इन केंद्रों के लिए दवाइयां और आवश्यक उपकरण उपलब्ध करा दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने श्री गुरु गोविंद सिंह जी के छोटे साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह के सर्वोच्च बलिदान का जिक्र करते हुए कहा कि मानव इतिहास में उनके अद्वितीय बलिदान की कोई तुलना नहीं है। उन्होंने कहा कि इस शहादत को तीन शताब्दियों से अधिक समय बीत जाने के बावजूद, इसका भावनात्मक प्रभाव आज भी विश्व भर के सिख समुदाय पर गहरा है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब सरकार शहीदी सभा के दौरान शहर के भीतर श्रद्धालुओं के लिए अंतर-शहरी शटल बस सेवा शुरू करके मुफ्त परिवहन की व्यवस्था करेगी।
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि सभा के दौरान 200 शटल बसें और 100 ई-रिक्शा श्रद्धालुओं को पार्किंग स्थलों से गुरुद्वारा साहिब और अन्य स्थानों तक ले जाएंगे। भगवंत सिंह मान ने बताया कि इस बार यातायात प्रबंधन के लिए गूगल कंपनी की सेवाएं ली जा रही हैं ताकि फतेहगढ़ साहिब के आसपास सड़क यातायात की स्थिति के बारे में अद्यतन जानकारी उपलब्ध हो सके और भीड़भाड़ की स्थिति में तत्काल वैकल्पिक व्यवस्था की जा सके। उन्होंने आगे बताया कि वाहनों की पार्किंग के लिए पांच बड़े और सोलह छोटे पार्किंग स्थल तैयार किए गए हैं।
सुरक्षा व्यवस्थाओं के बारे में बात करते हुए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 3,300 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे। उन्होंने बताया कि जनता की सुविधा के लिए एक एकीकृत नियंत्रण केंद्र स्थापित किया गया है और हेल्पलाइन नंबर 0176-3232838 भी उपलब्ध है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि असामाजिक तत्वों पर नजर रखने के लिए प्रमुख स्थानों पर 300 सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं और ड्रोन के जरिए भी शहर की हवाई निगरानी की जाएगी।
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि सुचारू मोबाइल कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए दूरसंचार कंपनियां अस्थायी मोबाइल टावर लगा रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए 60 एम्बुलेंस और दमकल वाहनों का बेड़ा तैनात रहेगा। भगवंत सिंह मान ने शहर में स्वच्छता बनाए रखने को सर्वोपरि बताया और कहा कि इसके लिए विभिन्न जिलों से मशीनरी मंगाई गई है और स्वयंसेवी टीमें चौबीसों घंटे बारी-बारी से काम करके शहर की पवित्रता को बनाए रखेंगी।
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आगे घोषणा की कि शहीदी सभा के दौरान पंजाब सरकार मानवता की सेवा के रूप में फतेहगढ़ साहिब में एक विशाल रक्तदान शिविर का आयोजन करेगी। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि इस बार अनधिकृत रक्तदान शिविरों की अनुमति नहीं दी जाएगी और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि शहीदी सभा के दौरान श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्था करना सरकार का सर्वोपरि कर्तव्य है और इस नेक कार्य में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आश्वासन दिया कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति को श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए किसी भी प्रकार की सहायता की आवश्यकता होने पर पंजाब सरकार पूरा सहयोग देगी। उन्होंने अमृतसर (चारदीवारी वाला शहर), तलवंडी साबो और श्री आनंदपुर साहिब के भीतरी हिस्सों को पवित्र नगर घोषित करने वाली हाल ही में जारी अधिसूचना का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे विश्व भर के सिखों की लंबे समय से चली आ रही मांग पूरी होती है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह निर्णय श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहादत दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह के दौरान घोषित किया गया था, जिसमें तख्त साहिबों से जुड़े तीनों नगर शामिल हैं।
दिल्ली में प्रदूषण संकट से निपटने में भाजपा सरकार की नाकामी पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले हर साल दिल्ली के प्रदूषण के लिए पंजाब को गलत तरीके से दोषी ठहराया जाता था, जबकि पंजाब का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) फिलहाल 70 से 110 के बीच है, जबकि दिल्ली का 500 है। उन्होंने आगे कहा कि पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में काफी कमी आई है, जिसे केंद्र सरकार ने संसद में आधिकारिक तौर पर स्वीकार किया है। भगवंत सिंह मान ने एमजीएनआरईजीए योजना का नाम बदलकर “विकसित भारत-जय राम जी” रखे जाने का मजाक उड़ाते हुए कहा कि अगर भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की चलती तो वह पूरे देश का नाम “दीन दयाल उपाध्याय नगर” रख देती। उन्होंने यह भी बताया कि भाजपा सरकारों ने पहले ही कई रेलवे स्टेशनों और शहरों के नाम बदल दिए हैं, लेकिन नाम बदलने से शासन में सुधार नहीं होता, बल्कि जन-केंद्रित फैसले ही असली बदलाव ला सकते हैं।
इस अवसर पर मुख्य सचिव केएपी सिन्हा और विशेष डीजीपी (कानून व्यवस्था) अर्पित शुक्ला भी उपस्थित थे।
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