पंजाब के CM भगवंत मान ने एसजीपीसी पर गंभीर टिप्पणी की, कहा कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब के गुम स्वरूपों का सच संगत को जानने का अधिकार है और एसआईटी को अपना काम करने दिया जाना चाहिए।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हाल ही में एसजीपीसी (शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी) के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने सवाल उठाया कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब के गुम हुए स्वरूप कहां गए और संगत को इसकी जानकारी मिलने का हक है।
सीएम भगवंत मान ने कहा कि एसजीपीसी अकाल तख्त का ढाल बनाकर मनमानी कर रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि सीआईटी (विशेष जांच दल) इस मामले में काम कर रही है, लेकिन एसजीपीसी सहयोग क्यों नहीं कर रही। संगत और सिख जत्थेबंदियां यह जानने की कोशिश कर रही हैं कि खोए हुए स्वरूपों के साथ क्या हुआ।
सीएम भगवंत मान ने 2020 में एसजीपीसी द्वारा पारित प्रस्तावों का हवाला देते हुए कहा कि उस समय एसजीपीसी ने माना था कि स्वरूप गुम होने के मामले में दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। लेकिन अब वही कमिटी नया प्रस्ताव पारित कर इसे रद्द कर रही है।
इसके अलावा, उन्होंने एसजीपीसी के चुनावों पर भी निशाना साधा। सीएम मान ने कहा कि एसजीपीसी के चुनाव पिछले 14 साल से नहीं हुए हैं और इस पर कोई जवाब देने वाला नहीं है। उन्होंने एसआईटी को अपना काम करने देने की आवश्यकता पर जोर दिया, क्योंकि संगत सच्चाई जानना चाहती है।
सीएम भगवंत मान ने शिरोमणि अकाली दल पर भी तंज कसा और कहा कि कभी यह दल शेर लोगों की पार्टी हुआ करता था, लेकिन अब छिपकली सरीखे लोगों की पार्टी बन गई है।
मुख्यमंत्री भगवंत मान के इस बयान के बाद एसजीपीसी और सरकार के बीच चल रहे विवाद में और बढ़ोतरी की संभावना है। संगत और सिख समुदाय इस मामले पर सरकार और एसजीपीसी से स्पष्ट जवाब की उम्मीद कर रहे हैं।
For English News: http://newz24india.in
Visit WhatsApp Channel: https://whatsapp.com/channel/0029Vb4ZuKSLSmbVWNb1sx1x



