UP Assembly Election: अखिलेश यादव मैनपुरी के करहल विधानसभा सीट से लड़ सकते हैं चुनाव – सूत्र
लखनऊ: समाजवादी पार्टी केेे मुखिया अखिलेश यादव ने आज गुरुवार को मैनपुरी के करहल से चुनाव लड़ने की घोषणा करके आज भाजपा के प्रश्नों का दे दिया है। गुरुवार को समाजवादी पार्टी ने मैनपुरी के करहल विधानसभा सीट से अखिलेश यादव को चुनाव लड़ाने का ऐलान कर दिया है।
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव मैनपुरी के करहल विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे: सूत्र#UPAssemblyElections2022
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 20, 2022
कल प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश यादव ने कहा था CM योगी से पहले लड़ेंगे चुनाव
1989 के बाद से करहल की इस सीट पर समाजवादी पार्टी या उस समय की जनता पार्टी का दबदबा रहा है। केवल 2002 में बीजेपी ने यह सीट जीती थी। मुलायम सिंह यादव ने करहल के जैन इंटर कॉलेज से ही शिक्षा ग्रहण की थी और वे यहां पर शिक्षक भी रहे। हालांकि कल खबर थी कि समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव जिला संभल की गुन्नोर विधानसभा सीट से चुनाव के मैदान में सामने आ सकते हैं। ऐसे केवल कयास लगाए जा रहे थे चूंकि चुनाव लड़ने का फैसला समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव पहले ही कर चुके हैं।
यह पहला मौका है जब अखिलेश यादव कोई विधानसभा चुनाव लड़ने जा रहें हैं। उधर सत्तारूढ़ पार्टी के प्रत्याशी योगी आदित्यनाथ का गोरखपुर से लड़ना तय हो चुका है।मुलायम सिंह ने भी सपा से मैनपुरी जिले में ही पहला विधानसभा चुनाव लड़ा था। मैनपुरी जिला मुलायम सिंह की सियासी कर्मस्थली रहा है। इसलिए यहां की करहल सीट से लड़ने की सबसे ज्यादा संभाावना जताई जा रही है। यहां पहले भी सैफई परिवार के सदस्य पूर्व सांसद तेज प्रताप यादव के चुनाव लड़ने के कयास भी लगते रहे हैं। इस सीट पर सजातीय यादव मतदाता सर्वाधिक हैं। ऐसे में अखिलेश के करहल सीट से लड़ने की संभावनाएं सबसे ज्यादा प्रबल हैं। खुद पार्टी संगठन भी यही चाहता है।
शिवपाल यादव किस सीट से चुनाव लड़ेंगे इसको लेकर अभी स्थिति साफ नहीं हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रगतिशील पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव जसवंतनगर सीट से मैदान में उतर सकते हैं।
वहीं भाजपा ने पहले ही योगी आदित्यनाथ को गोरखपुर और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को कौशांबी की सिराथू विधानसभा सीट से चुनाव लड़ाने का ऐलान कर दिया है। दोनों के सीटों के ऐलान के बाद समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव पर भी इस बार चुनाव लड़ने का दबाव बन रहा था।