
विधायक रमन अरोड़ा के नगर निगम भ्रष्टाचार मामले में विजिलेंस ने बड़ा खुलासा किया है। जांच में 266 फाइलें नष्ट करने और वसूली के आरोप शामिल, हाईकोर्ट से राजन अरोड़ा को मिली अंतरिम जमानत।
नगर निगम में भ्रष्टाचार के गंभीर मामले में विजिलेंस ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। जांच में विधायक रमन अरोड़ा, उनके बेटे राजन अरोड़ा, समधी राजू मदान, निगम की महिला इंस्पेक्टर हरप्रीत कौर, एटीपी सुखदेव वशिष्ठ और उनके करीबी महेश मखीजा समेत अन्य लोगों के एक बड़े वसूली नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ है।
340 फाइलों में से 266 फाइलें नष्ट, भ्रष्टाचार को छुपाने की कोशिश
विजिलेंस जांच में सामने आया है कि नगर निगम के एटीपी सुखदेव वशिष्ठ ने अपने 22 महीने के कार्यकाल में कुल 340 फाइलें तैयार की थीं, जिनमें से सिर्फ 74 फाइलें बरामद हुई हैं। बाकी 266 फाइलों को जानबूझकर नष्ट किए जाने का आरोप है, ताकि अवैध निर्माण से जुड़े भ्रष्ट नेटवर्क को बचाया जा सके। इस मामले में धारा 238 (सबूत नष्ट करना) और 308-2 (जबरन वसूली) भी जोड़ी गई है, जिससे केस और गंभीर हो गया है।
वसूली का खेल: बिल्डिंग मालिकों को धमकाकर मोटी रकम ऐंठी जाती थी
जांच रिपोर्ट के अनुसार, गिरोह बिल्डिंग मालिकों को नोटिस भेजकर डराता था और फिर बिल्डिंग गिराने की धमकी देकर उनसे वसूली करता था। अब तक कई पीड़ितों के बयान विजिलेंस के पास आ चुके हैं, साथ ही मोबाइल फोन्स की फोरेंसिक जांच और कॉल डिटेल्स भी जांच के दायरे में हैं। विधायक के संपर्क में रहने वाले एक्सईएन और एसडीओ की कॉल रिकॉर्डिंग भी खंगाली जा रही हैं।
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हाईकोर्ट से मिली अंतरिम जमानत, जांच में सहयोग अनिवार्य
इस मामले में विधायक रमन अरोड़ा के बेटे राजन अरोड़ा को हाईकोर्ट से अंतरिम जमानत मिली है। कोर्ट ने शर्त रखी है कि राजन जांच में सहयोग करेंगे, अन्यथा जमानत रद्द की जा सकती है। केस की अगली सुनवाई 24 सितंबर को है। वहीं, जेल में बंद एटीपी सुखदेव की नियमित बेल याचिका पर 27 अगस्त को सुनवाई होगी।
लेनदेन की छानबीन और केस की प्रगति
बचाव पक्ष ने कोर्ट को बताया कि राजन अरोड़ा की फर्म ‘बालाजी टेक्सटाइल्स’ ने सूरत की कंपनी काया ट्रेंड्स से 60 लाख रुपए उधार लिए थे, जिसमें से 40 लाख रुपए पहले ही वापस कर दिए गए हैं। काया ट्रेंड्स ने यह जानकारी विजिलेंस को ईमेल के जरिए भेजी है, जो कोर्ट में भी पेश की गई है।
गिरफ्तारी और कोर्ट की कार्यवाही
14 मई को एटीपी सुखदेव वशिष्ठ को पहली गिरफ्तारी के तौर पर पकड़ा गया था। इसके बाद विधायक रमन अरोड़ा, महेश मखीजा और हरप्रीत कौर को भी गिरफ्तार किया जा चुका है। वहीं, विधायक रमन अरोड़ा की नियमित बेल याचिका स्थानीय अदालत द्वारा खारिज हो चुकी है और उनके समधी राजू मदान की अग्रिम जमानत याचिका भी कोर्ट से खारिज हो चुकी है।
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