AI से नौकरियां खत्म: अगले 20 साल में AI खत्म कर देगा ज्यादातर नौकरियां, सिर्फ ये 3 काम रहेंगे इंसानों के लिए!

2045 तक AI इंसानों की ज्यादातर नौकरियां खत्म कर देगा, ऐसा दावा किया है टेक एक्सपर्ट एडम डॉर ने। जानिए कौन से 3 काम बचेंगे सिर्फ इंसानों के लिए और कैसे बदल जाएगा कामकाज का भविष्य।
AI से नौकरियां खत्म: टेक्नोलॉजी की दुनिया में तेज़ी से उभरती आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) ने अब नौकरीपेशा लोगों की चिंता और बढ़ा दी है। एक नई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि साल 2045 तक इंसानों की मेहनत और पारंपरिक नौकरियां लगभग खत्म हो जाएंगी। यह दावा किया है टेक एक्सपर्ट और फ्यूचरिस्ट एडम डॉर ने, जो अमेरिका की एक नॉन-प्रॉफिट संस्था RethinkX के रिसर्च डायरेक्टर हैं। डॉर ने यह चेतावनी हाल ही में आयरलैंड में हुए Dargan Forum में दी।
2045 तक खत्म हो जाएंगी ज़्यादातर इंसानी नौकरियां
एडम डॉर का कहना है कि जिस तरह कारों ने घोड़ागाड़ी, बिजली ने गैस लैंप, और डिजिटल कैमरों ने कोडक को इतिहास बना दिया, उसी तरह AI और रोबोटिक टेक्नोलॉजी अब इंसानी श्रम को अप्रासंगिक बना देगी। उन्होंने कहा कि अगले 20 वर्षों में मशीनें हर सेक्टर में इंसानों से बेहतर, तेज़ और सस्ते ऑप्शन बन जाएंगी। इसका मतलब यह होगा कि परंपरागत नौकरियों का वजूद समाप्त हो सकता है।
रोबोट और AI देंगे सस्ता और बेहतर आउटपुट
डॉर का साफ कहना है कि टेक्नोलॉजी का अगला शिकार इंसान खुद है। चाहे आप बैंकिंग में हों, लॉ में, हेल्थकेयर या एजुकेशन में—AI हर जगह इंसानों की जगह लेने को तैयार है। मशीनें न केवल बेहतर काम कर सकती हैं, बल्कि वे बिना छुट्टी, बीमा या वेतन वृद्धि के काम करेंगी। डॉर का कहना है, “अगर मुझे कम लागत में बेहतर रिजल्ट मिल सकता है, तो बदलाव निश्चित है।”
सिर्फ ये 3 काम बचेंगे इंसानों के लिए
AI के बढ़ते प्रभाव के बावजूद एडम डॉर ने बताया कि तीन क्षेत्र ऐसे होंगे जहां इंसानों की जगह नहीं ली जा सकेगी। पहला है राजनीति, जहां इंसानी भावनाएं, अनुभव और कूटनीतिक समझ आवश्यक है। दूसरा है सेक्स वर्क, जिसे मशीनों द्वारा पूरी तरह नहीं समझा या दोहराया जा सकता। तीसरा है मोरल या सामाजिक कार्य, जैसे NGOs और समाज सेवा से जुड़ा काम, जहां करुणा और नैतिक निर्णय महत्वपूर्ण होते हैं।
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तकनीकी बदलाव का सकारात्मक पक्ष
हालांकि डॉर का यह भविष्यवाणी डराने वाली लग सकती है, लेकिन वे इसे एक अवसर के रूप में भी देखते हैं। उनका कहना है कि यदि इस तकनीकी क्रांति को सही दिशा में मोड़ा गया तो यह एक सुपर-अबंडेंस का युग ला सकती है—जहां इंसानों को काम से आज़ादी, अधिक फुर्सत और रचनात्मकता का मौका मिलेगा। लेकिन अगर इसे गलत दिशा में इस्तेमाल किया गया, तो यह समाज में गहरी असमानता और शक्तिशाली वर्गों की तानाशाही ला सकता है।
AI से पूरी तरह सुरक्षित नहीं होंगे बाकी क्षेत्र
भले ही कुछ क्षेत्र AI से कम प्रभावित होंगे, लेकिन अन्य सैकड़ों ऐसे पेशे हैं जहां इंसानों की जगह मशीनें लेने लगेंगी। स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, ट्रांसपोर्ट, लॉ, पत्रकारिता और यहां तक कि कोडिंग जैसे क्षेत्र भी अब AI की पकड़ में आ चुके हैं। यह बदलाव मानव समाज को नए सवालों और नई ज़रूरतों के साथ खड़ा करेगा।
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