अमन अरोड़ा ने पंजाब भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि नई लैंड पूलिंग नीति पंजाब के लिए एक क्रांतिकारी बदलाव है, जो पारदर्शिता, निष्पक्षता और समावेशी विकास को प्राथमिकता देती है। यह नीति भूस्वामियों समेत सभी वर्गों के हितों का संरक्षण करती है और नियोजित शहरी विकास को बढ़ावा देती है। उन्होंने कहा कि इससे पहले की अकाली-भाजपा और कांग्रेस सरकारों ने पंजाब में अवैध कॉलोनियों को बढ़ावा दिया, जिससे हजारों हेक्टेयर ज़मीन पर बुनियादी नागरिक सुविधाओं के अभाव में लोग परेशान हैं।
अरोड़ा ने बताया कि अकाली-भाजपा सरकार ने मोहाली, अमृतसर, तरनतारन और होशियारपुर जैसे जिलों में मास्टर प्लान अधिसूचनाएँ जारी कर बड़ी मात्रा में ज़मीन को आवासीय और व्यावसायिक क्षेत्र घोषित किया था, जिससे निजी डेवलपर्स को कॉलोनियाँ बसाने की अनुमति मिली। लेकिन इन नीतियों के कारण अवैध कॉलोनियाँ बनीं और लोगों को सीवेज, सड़क और बिजली जैसी सुविधाओं का सामना करना पड़ा।
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अमन अरोड़ा ने सवाल उठाया कि अगर मोहाली जैसी जगह सुनियोजित विकास का हकदार है, तो बाकी पंजाब क्यों पीछे रहे? उन्होंने कहा कि नई लैंड पूलिंग नीति किसानों और ज़मीन मालिकों के लिए अधिक सहायक और न्यायसंगत है। इसमें किसानों को अपनी ज़मीन स्वयं विकसित करने, डेवलपर्स के साथ साझेदारी करने के विकल्प मिलते हैं। साथ ही, पहले तीन वर्षों के लिए 50,000 रुपये प्रति एकड़ और कब्जे के बाद 1 लाख रुपये तक मुआवज़ा देने का प्रावधान है। इसके अलावा, आवासीय और व्यावसायिक भूखंडों की अदला-बदली की सुविधा भी उपलब्ध है।
अमन अरोड़ा ने विपक्षी दलों से पंजाब की जनता को गुमराह करने और अवैध कॉलोनियों को बढ़ावा देने के लिए माफी मांगने की मांग की। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार नियोजित विकास, पारदर्शिता और जनता के हित में प्रतिबद्ध है, और विपक्ष के आरोप केवल स्वार्थपूर्ण और निराधार हैं।
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