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राज्यमध्य प्रदेश

बाढ़ से बेहाल गुना-शिवपुरी, सीएम मोहन यादव ने किया दौरा, हर पीड़ित को मिलेगा मुआवजा

गुना और शिवपुरी में बाढ़ से मची तबाही के बीच सीएम मोहन यादव ने दौरा कर मुआवजा व राहत की घोषणा की। सिंधिया बोले- सरकार हर पल साथ है।

मध्य प्रदेश में मानसून की भारी बारिश के चलते गुना और शिवपुरी जिलों में आई बाढ़ ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। हालात की गंभीरता को देखते हुए सीएम मोहन यादव ने सोमवार को प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर राहत व बचाव कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान उनके साथ केंद्रीय मंत्री और सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मौजूद रहे।

बाढ़ ने तोड़े 32 सालों के रिकॉर्ड- सीएम मोहन यादव

सीएम मोहन यादव ने बताया कि इस बार की बाढ़ ने पिछले 32 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। उन्होंने कहा, “राज्य में अभूतपूर्व हालात हैं, लेकिन सरकार पूरी तरह से सतर्क है और जनता के साथ हर कदम पर खड़ी है।”

गुना की न्यू सिटी कॉलोनी समेत कई इलाकों से अब तक 170 से अधिक नागरिकों को सुरक्षित निकाला गया है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में NDRF की 70 सदस्यीय टीम लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी है।

राहत सामग्री और मुआवजा की घोषणा

सीएम मोहन यादव ने ग्राम पचावली में राहत सामग्री वितरित की और यह घोषणा की कि प्रत्येक पीड़ित को सर्वे के आधार पर उचित मुआवजा दिया जाएगा। सहायता राशि सीधे DBT प्रणाली के जरिए पीड़ितों के बैंक खातों में भेजी जाएगी।

उन्होंने पटेल नगर, कैंट क्षेत्र और टेकरी रोड की बस्तियों में घर-घर जाकर लोगों की समस्याएं सुनीं और हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।

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सिंध नदी बनी संकट की वजह, 32 गांव चपेट में

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि औसत से अधिक वर्षा के कारण सिंध नदी उफान पर आ गई, जिससे 32 गांवों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। उन्होंने बताया कि ग्वालियर से दो हेलीकॉप्टर भेजे गए थे, लेकिन खराब मौसम के कारण राहत कार्य बाधित हुआ। “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री मोहन यादव के समन्वय से **400 से अधिक लोगों की जान बचाई गई है।” – ज्योतिरादित्य सिंधिया

प्रशासन अलर्ट मोड पर, पुनर्वास की तैयारी

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आने वाले दिनों में और बारिश की संभावना को ध्यान में रखते हुए सभी राहत और पुनर्वास कार्यों में तेजी लाई जाए। साथ ही जनप्रतिनिधियों से अपील की कि वे जनता के बीच रहकर मदद करें।

उन्होंने यह भी बताया कि समाजसेवी संस्थाओं की मदद से भोजन पैकेट, आवश्यक सामग्री और अस्थायी आश्रय स्थल तेजी से स्थापित किए जा रहे हैं।

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