राज्यदिल्ली

Arvind Kejriwal का ऐलान, फरवरी में फिर से सरकार बना दो, बढ़े हुए बिजली-पानी बिल को माफ करेंगे

Arvind Kejriwal ने एक और बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि यदि अगले साल होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद सत्ता में आते हैं तो बिजली-पानी के बढ़े हुए बिल भी माफ कर देंगे।

एक जनसभा में Arvind Kejriwal ने कहा कि अगले साल दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद सत्ता में आने पर बिजली-पानी के बढ़े हुए बिल को भी माफ कर देंगे। वह विश्वकर्मा दिवस पर ट्रांसपोर्ट नगर में एक कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे। उनका कहना था कि मैं दूसरे राजनीतिक दलों के नेताओं की तरह नहीं हूँ। पिछले दस वर्षों से मैंने लोगों का उत्थान किया है। मेरी शिक्षा देश के संस्थान से हुई है, इसलिए मुझे काम करना आता है।

Arvind Kejriwal ने सभी को विश्वकर्मा दिवस की बधाई देते हुए कहा कि फरवरी में फिर सरकार बना दो, सबके पानी के मौजूदा बिल माफ कर दूंगा और दोबारा जीरो बिल आने शुरू हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि मेरे जेल जाने के बाद इन लोगों ने सबके पानी के बिल गलत भिजवा दिए हैं, लेकिन आपको बिल भरने की जरूरत नहीं है। कार्यक्रम में उनके साथ पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन भी मौजूद रहे।

केजरीवाल ने कहा कि मैं भी मैकेनिकल इंजीनियर हूँ। मैं पहले टाटा स्टील में काम करता था, फिर आयकर विभाग में। उस समय हम इंजीनियर थे और कंपनी में हर साल विश्वकर्मा की पूजा करते थे। आज यहां चौथी बार आया हूँ। 2013-14 में मैं इस इलाके में पहली बार आया था, तो सड़कें बहुत खराब थीं। तब मैंने ठीक कराने का वादा किया था, मैंने जो कहा वो किया।

केजरीवाल ने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने दिल्ली में सब कुछ सुधार किया है। इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य और महिलाओं के लिए मुफ्त बस सेवाएं शामिल हैं। मैं यह नहीं कह रहा कि आप आम आदमी पार्टी को वोट दें। जिन लोगों ने आपकी सेवा की है, उन्हें वोट दें। केजरीवाल ने इसके साथ भाजपा को घेर लिया। उनका कहना था कि भाजपा से पूछिए कि उनके बच्चों के लिए क्या हुआ है। मैं उन्हें चुनौती देता हूं कि वे दिल्ली के लोगों के लिए किया गया एक भी काम दिखाएं।

केजरीवाल ने कहा कि मैं आप लोगों की तरह आम आदमी हूं। मैं नेता नहीं हूं। मुझे राजनीति करनी नहीं आती। सिर्फ ईमानदारी से काम करता हूं। दिल्ली में भाजपा की केंद्र सरकार बैठी है, लेकिन इन्होंने केवल दिल्लीवालों को तंग किया है। मैं जेल गया तो भाजपा के एलजी दिल्ली चला रहे थे। उनके पास सारी ताकत थी। वो चाहते तो दिल्लीवालों के लिए अच्छा काम करते, लेकिन उन्होंने केवल काम रोका।

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