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हरियाणा के अशोक कुमार की पहली दंडवत कांवड़ यात्रा- हरिद्वार से पानीपत तक महादेव के लिए अनोखी भक्ति

हरियाणा के अशोक कुमार प्रजापति ने हरिद्वार से पानीपत तक पहली बार दंडवत कांवड़ यात्रा शुरू की है। 18 वर्षों से कांवड़ ला रहे अशोक अब व्रत, श्रद्धा और समर्पण के साथ महादेव तक दंडवत होकर पहुंच रहे हैं।

सावन के पावन महीने में कांवड़ यात्रा के अनेक रंग देखने को मिलते हैं, लेकिन हरियाणा के पानीपत जिले के गढ़ी गांव निवासी अशोक कुमार प्रजापति इस बार एक विशेष और अत्यंत कठिन दंडवत कांवड़ यात्रा पर निकले हैं। उन्होंने 5 जुलाई 2025 को हरिद्वार की हर की पौड़ी से यह आध्यात्मिक यात्रा शुरू की और बिना किसी सहयोगी के, अकेले ही प्लास्टिक शीट पर लेटकर यात्रा कर रहे हैं।

अशोक कुमार की यह पहली दंडवत कांवड़ यात्रा है, जबकि वह बीते 18 वर्षों से लगातार कांवड़ यात्रा कर रहे हैं। उन्होंने अपनी पहली कांवड़ यात्रा अपने चाचा जी के साथ की थी, लेकिन इस बार वह पूरी तरह से समर्पण भाव के साथ महादेव को समर्पित दंडवत यात्रा कर रहे हैं।

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क्या है दंडवत कांवड़ यात्रा की खासियत?

इस यात्रा में अशोक कुमार एक गड्ढेनुमा प्लास्टिक शीट का इस्तेमाल करते हैं। वह पहले इसे जमीन पर बिछाते हैं, फिर लेटते हैं और आगे बढ़ने के बाद उसी शीट को अगली जगह पर रखकर यात्रा जारी रखते हैं। इस प्रकार वह हर कदम महादेव के प्रति पूर्ण समर्पण भाव से रखते हैं।

भक्ति में विश्वास, नशे और तोड़फोड़ से परहेज़

अशोक कुमार ने साफ कहा कि कांवड़ यात्रा में नशा करने वाले या तोड़फोड़ करने वाले असली भक्त नहीं हैं। उन्होंने युवाओं से अपील की कि सच्ची भक्ति स्वच्छता, संयम और श्रद्धा में है। अगर किसी की कांवड़ खंडित हो जाए, तो उसे तोड़ने या गुस्सा करने की जगह शांतिपूर्वक दूसरी कांवड़ लेने की बात करनी चाहिए।

उन्होंने बताया कि कुछ कांवड़ियों द्वारा सल्फा जैसे नशे का सेवन करना निंदनीय है और ऐसे लोगों को खुद पर शर्म आनी चाहिए। उनकी भक्ति महादेव को समर्पित है, न कि दिखावे या दंगे-फसाद को।

अब तक पहुंच चुके हैं शामली

5 जुलाई को हरिद्वार से शुरू हुई उनकी दंडवत यात्रा अब शामली पहुंच चुकी है। उनका लक्ष्य है कि वह पानीपत पहुंचकर पवित्र गंगाजल से महादेव का अभिषेक करें और अपनी पहली दंडवत कांवड़ को पूर्ण करें।

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