Bees ( मधुमक्खियां): ज्यादा दवा डालने से हो रही खत्म, उत्पादन पर हो रहा असर…
Bees ( मधुमक्खियां):
Bees Farming: UP के मुरादाबाद में शहद का व्यापक व्यापार होता है। लेकिन कीटनाशक दवा इस समय मधुमक्खी पालकों को परेशान कर रहा है। मधुमक्खी, जो फूल से मिठास लेकर इंसान को शहद देती हैं, फसलों पर कीटनाशक दवाओं से मर रही हैं। मधुमक्खी फूलों से परागण कर लौटते वक्त फसल पर बैठकर 25 से 30 प्रतिशत अधिक उत्पादन देती हैं। लेकिन आजकल फसलों में छिड़की जा रही कीटनाशक दवाओं से Bees का जीवन खतरा बढ़ता जा रहा है। मधुमक्खी इस समय लौकी, तोरई, करेला, काशीफल और टिंडे के फूलों से शहद बनाती है। मौसम के अनुसार मधुमक्खी सरसों, लीची, सहजन, यूकेलिप्टिस और नीम के पेड़ और फूलों से शहद बनाती हैं|जिले के हर ब्लॉक से 450 लोग शहद के कारोबार से बेहतर जीवन यापन कर रहे हैं।
जिले के आठों ब्लॉक में 450 मधुमक्खी पालक शहद का उत्पादन करते हैं। जिला उद्यान अधिकारी ने कहा कि 7300 बॉक्स में Bees का पालन किया जाता है। शहद के कारोबारियों ने पिछले वर्ष 2.21 टन शहद बनाया था। सुबह, मधुमक्खी अपने भोजन के लिए बॉक्स खोला जाता है। और भोजन की तलाश में वह दो से तीन किलोमीटर चली जाती है। मधुमक्खी बॉक्स को जिस दिशा में रखा जाता है, उसी दिशा में उड़ती हैं और शाम को बॉक्स में बनाई गई अपनी कालोनी में आती हैं। मधुमक्खी का संसार बहुत अलग है। एपिस मेलीफेरा प्रजाति को मधुमक्खी पालक अच्छी शहद देते हैं।
मधुमक्खी रानी सबसे बड़ी मधुमक्खियों में से एक है। Bees में वर्कर और इनफॉर्मर दो प्रकार होते हैं। इनफॉर्मर शहद की तलाश करता है और कर्मचारी उसकी आपूर्ति करते हैं। मौसम के अनुरूप फूल नहीं होने पर मधुमक्खियों को बचाने के लिए पराग या चीनी दी जाती है। कुछ मधुमक्खी पालक मक्खियों के बॉक्स को उन जगहों पर ले जाते हैं जहां फसल या फूल आ रहे हैं। लीची के बाग में इसमें सबसे अधिक मधु मिलता है।
रात के अंधेरे में राजस्थान लाई जाती हैं मक्खियां
जिला उत्थान अधिकारी गया प्रसाद ने बताया कि Bees को रात के अंधेरे में राजस्थान ले जाया जाता है, माइग्रेशन के लिए। मधुमक्खी खुद अपने बच्चों को भोजन देते हैं। रानी मक्खी वापस आने तक बच्चों की देखभाल करती है। कृषि वैज्ञानिक दीपक मेहंदी रत्ता ने बताया कि अंधाधुंध फसलों में कीटनाशक दवा का इस्तेमाल आजकल देखा गया है। इससे मधुमक्खी की सूचना खतरे में है। ऐसा होता रहा तो मधुमक्खियों का अंत हो जाएगा।