खेल

बॉलिंग कोच Morne Morkel टेस्ट सीरीज से पहले नर्वस दिखे, खिलाड़ियों को दी खास सलाह

Morne Morkel: भारतीय क्रिकेट टीम एक बार फिर से इंग्लैंड दौरे पर पांच मैचों की टेस्ट सीरीज खेलने जा रही है, जिसकी शुरुआत 20 जून से होगी।

 Morne Morkel: टीम इंडिया ने साल 2007 के बाद इंग्लैंड में कोई टेस्ट सीरीज नहीं जीती है। पिछली सीरीज ड्रॉ रही थी, इसलिए इस बार जीत की उम्मीदें काफी ऊंची हैं। खास बात यह है कि इस बार भारतीय टीम की कप्तानी शुभमन गिल के हाथों में है और यह उनके लिए एक बड़ा मौका होगा खुद को साबित करने का।

बॉलिंग कोच Morne Morkel को क्यों सता रही है चिंता?

भारतीय गेंदबाजी कोच Morne Morkel ने माना है कि टीम को इस साल लाल गेंद से ज्यादा मैच खेलने का मौका नहीं मिला, जिससे उनकी चिंता बढ़ गई थी। Morne Morkel ने कहा, “हमने इस साल टेस्ट क्रिकेट बहुत कम खेला है, इसलिए मैं इस बात को लेकर थोड़ा नर्वस था।” हालांकि, उन्होंने हाल के अभ्यास सत्रों की तारीफ करते हुए कहा कि खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और परिस्थितियों के अनुसार ढल भी रहे हैं।

बेसिक्स और निरंतरता पर दिया जोर

भारतीय बॉलिंग कोच Morne Morkel ने खिलाड़ियों को सलाह दी कि वे अपनी रणनीति को सरल रखें और बेसिक्स पर काम करें। Morne Morkel ने कहा कि इंग्लैंड जैसी परिस्थितियों में निरंतरता बहुत अहम होती है। “हमें एक ऐसा प्रोसेस ढूंढना होगा जो हर खिलाड़ी के अनुकूल हो। हमारे पास विविधता से भरपूर गेंदबाज हैं, जो अलग-अलग कौशल में माहिर हैं।”

 Morne Morkel ने यह भी कहा कि टीम में ऊर्जा और जोश की कोई कमी नहीं है, और यह किसी भी टेस्ट सीरीज में सफलता के लिए जरूरी तत्व हैं।

तेज गेंदबाजों के लिए अनुकूल हैं परिस्थितियां

पिछले तीन दिनों के अभ्यास को लेकर  Morne Morkelने संतोष जताते हुए बताया कि पिच की परिस्थितियां तेज गेंदबाजों के अनुकूल थीं। “यह बल्लेबाजों के लिए एक चुनौतीपूर्ण समय था, लेकिन इससे उन्हें असली मुकाबले के लिए तैयार होने में मदद मिलेगी।”  Morne Morkel ने कहा कि टीम का जोश और एकजुटता स्पष्ट रूप से नजर आ रही है, और यह एक सकारात्मक संकेत है।

टीम में नए चेहरे और अनुभवी खिलाड़ी

इस दौरे में अर्शदीप सिंह और साई सुदर्शन को पहली बार टेस्ट टीम में शामिल किया गया है, जबकि करुण नायर की लंबे समय बाद वापसी हुई है। टीम में कप्तान और उपकप्तान दोनों नए हैं, जो एक नई शुरुआत का संकेत है।

गौरतलब है कि भारत ने इस साल आखिरी बार जनवरी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी में टेस्ट मैच खेला था। उसके बाद से अब तक कोई लाल गेंद का मुकाबला नहीं हुआ, जिससे टीम को सीधा इंग्लैंड की तेज और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों से जूझना होगा।

Related Articles

Back to top button