Chaitra Navratri 2025: अमृत सिद्धियोग में चैत्र नवरात्रि 30 मार्च से, कैलेंडर का पूरा विवरण और कलश स्थापना का समय देखें

Chaitra Navratri 2025: ज्योतिष शास्त्र की गणना के मुताबिक अप्रैल को हिंदू नववर्ष विक्रम संवत 2082 का आरंभ होगा इस दिन सर्वार्थ अमृत सिद्धियोग बन रहा है। रविवार से नववर्ष शुरू होने से, सूर्य इस वर्ष के राजा होंगे और नवग्रहों के मंत्री मंडल में वर्ष के मंत्री भी होंगे।
Chaitra Navratri 2025: ज्योतिषीय गणना के अनुसार अप्रैल को हिंदू नववर्ष विक्रम संवत 2082 शुरू होगा। इस दिन सर्वार्थ अमृत सिद्धियोग बन रहा है। रविवार से नववर्ष शुरू होने से, सूर्य इस वर्ष के राजा होंगे और नवग्रहों के मंत्री मंडल में वर्ष के मंत्री भी होंगे। हिन्दू नववर्ष और चैत्र नवरात्रि में मीन राशि में छह ग्रहों का योग बन रहा है। मीन राशि में सूर्य, चंद्रमा, बुध, शुक्र, शनि और राहु सभी छह ग्रह गोचर करेंगे। दैनिक योगों में, रात्री 7:40 तक ऐंद्र योग रहेगा। प्रातः 6:14 बजे सर्वार्थसिद्धियोग शुरू होगा। यह योग दोपहर 2:14 तक चलेगा। 2082 ई. का हिन्दू नववर्ष और नवरात्रि का कलश यही समय होगा। इसलिए कलश को स्थापित करने का समय दिन में 2:14 बजे से शुरू होता है। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से नवरात्रि का आरंभ होता है l घर घर कलश स्थापन, चंडी पाठ व उपासक लोग व्रत और उपवास करते हैं। पूजा पंडालों में सप्तमी तिथि को मां दुर्गा की स्थापना की जाती है।
किस देवी की पूजा किस दिन होगी:
प्रथम नवरात्र 30 मार्च रविवार: घट स्थापन व मां शैलपुत्री पूजा
द्वितिया नवरात्र 31 मार्च सोमवार: मां चंद्रघंटा की पूजा
तृतीय नवरात्र 1 अप्रैल मंगलवार: मां कुष्मांडा की पूजा
चुतर्थी व पंचमी नवरात्र 2 अप्रैल बुधवार: मां स्कंदमाता की पूजा
षष्ठी नवरात्र 3 अप्रैल गुरूवार: मां कात्यायनी की पूजा
सप्तमी नवरात्र 4 अप्रैल शुक्रवार: मां कालरात्रि की पूजा
अष्टमी नवरात्र 5 अप्रैल शनिवार: मां महागौरी की पूजा
नवमी नवरात्र 6 अप्रैल रविवार : मां सिद्धिदात्री की पूजा
कलश स्थापना के लिए उपयुक्त समय– नवरात्रि के पहले दिन कलश या घटस्थापना की जाती है। 30 मार्च रविवार को कलश स्थापना प्रातःकाल से दोपहर दो बजे तक होगी। 11 बजे 24 मिनट से 12 बजे 36 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त है। श्रद्धालुओं को कलश को शुभ मुहूर्त में ही लगाना चाहिए। यह शुभ फलदायक होगा।