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Chandra Grahan 2025: 7 सितंबर को उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में चंद्रग्रहण के कारण शयन आरती समय से पहले, गोपाल और हरसिद्धि मंदिर रहेंगे बंद

Chandra Grahan 2025: 7 सितंबर 2025 को लगने वाले पूर्ण चंद्रग्रहण के चलते उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में शयन आरती पहले होगी। जानिए चंद्रग्रहण का समय, सूतक काल और मंदिरों में होने वाले बदलाव।

Chandra Grahan 2025 News in Hindi: 7 सितंबर को भाद्रपद पूर्णिमा के दिन भारत में पूर्ण चंद्र ग्रहण लगेगा। इसके चलते उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में भी पूजन और आरती की समय-सारिणी में बदलाव किया गया है। विशेष रूप से महाकाल की शयन आरती इस दिन ग्रहण शुरू होने से पहले ही संपन्न की जाएगी।

उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में शयन आरती होगी पहले

उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर प्रशासन के अनुसार, 7 सितंबर की रात 9:58 बजे पूर्ण चंद्रग्रहण शुरू होगा, इसलिए शयन आरती को पहले किया जाएगा। अब यह आरती रात 9:15 बजे शुरू होकर 9:45 बजे तक पूरी कर ली जाएगी।

हालांकि, उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में ग्रहण का सूतक या ग्रहण काल मान्य नहीं होता, फिर भी परंपरागत अनुशासन के चलते आरती के समय में यह बदलाव किया गया है। सुबह की भस्म आरती, भोग आरती, संध्या आरती पहले की तरह निर्धारित समय पर ही होंगी।

सूतक काल में भी खुला रहेगा महाकाल मंदिर

उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर की परंपरा के अनुसार, सूतक काल और ग्रहण काल के दौरान भी मंदिर के पट खुले रहते हैं, और भक्तों को दर्शन की अनुमति होती है। इस वर्ष सूतक काल दोपहर 12:58 बजे से आरंभ होगा।
ग्रहण समाप्त होने के बाद, सोमवार सुबह भस्म आरती से पहले मंदिर का शुद्धिकरण किया जाएगा।
इस प्रक्रिया में मंदिर को जल से धोकर, भगवान को पवित्र स्नान और अभिषेक के बाद भस्म आरती की जाएगी।

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गोपाल मंदिर और हरसिद्धि मंदिर रहेंगे बंद

गोपाल मंदिर और हरसिद्धि माता मंदिर में भी चंद्रग्रहण के चलते विशेष व्यवस्था की गई है:

ग्रहण के सूतक काल से पहले ही पूजा और आरती कर ली जाएगी।

ग्रहण प्रारंभ होते ही मंदिर के पट बंद कर दिए जाएंगे।

सोमवार सुबह शुद्धिकरण के बाद मंदिरों को दोबारा खोला जाएगा।

हरसिद्धि माता मंदिर में ग्रहण के दौरान माता को स्पर्श नहीं किया जाएगा, और केवल बाहरी दर्शन ही संभव होंगे।

कब लगेगा चंद्रग्रहण?

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार,

चंद्रग्रहण की शुरुआत: रात 9:58 बजे

ग्रहण का मध्यकाल: रात 11:01 बजे

ग्रहण का समापन: रात 1:26 बजे

यह पूर्ण चंद्रग्रहण होगा और भारत सहित एशिया के कई हिस्सों में दिखाई देगा। चंद्रग्रहण तब होता है जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीध में आ जाते हैं और पृथ्वी की छाया चंद्रमा को ढक लेती है।

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