जन्माष्टमी पर करें श्री कृष्ण के 108 नामों का जाप, पाएं अपार लाभ

जन्माष्टमी पर श्री कृष्ण के 108 नामों का जाप करें और पाएं अपार लाभ। जानिए जन्माष्टमी पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और श्री कृष्ण के प्रमुख नाम। इस जन्माष्टमी जीवन में खुशहाली लाएं।

कृष्ण जन्माष्टमी के पावन पर्व पर श्री कृष्ण के 108 नामों का जाप करने की परंपरा से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है। माना जाता है कि जन्माष्टमी के दिन इन 108 नामों का उच्चारण भक्तों के सारे दुख और पापों को धीरे-धीरे समाप्त कर देता है। इस बार जन्माष्टमी 17 अगस्त को मनाई जाएगी, और यह दिन भगवान कृष्ण की कृपा पाने के लिए बेहद शुभ माना गया है।

श्री कृष्ण के 108 नामों का जाप का महत्व

शास्त्रों के अनुसार, श्री कृष्ण के 108 नामों का जाप करने से न केवल मानसिक शांति मिलती है, बल्कि मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं। जन्माष्टमी पर विधिवत पूजा और इन नामों का जाप करने से भगवान कृष्ण की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इन नामों में कृष्ण, वासुदेव, गोविन्द, मुरारी, नारायण आदि प्रमुख हैं, जिनका उच्चारण श्रद्धा और भक्ति के साथ करना चाहिए।

जन्माष्टमी का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

इस बार जन्माष्टमी का शुभ मुहूर्त 17 अगस्त को सुबह 12:04 बजे से 12:47 बजे तक रहेगा। इस समय के दौरान विधि-विधान से पूजा अर्चना और 108 नामों का जाप करना अत्यंत फलदायी माना गया है। भक्तजन लड्डू गोपाल की प्रतिमा को नहलाकर सजाते हैं और झूला झुलाकर भोग लगाते हैं। इस दौरान श्री कृष्ण के 108 नामों का जाप करने से आध्यात्मिक लाभ के साथ-साथ जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

श्री कृष्ण के 108 नाम

1. कृष्ण

2. कमलनाथ

3. वासुदेव

4. सनातन

5. वसुदेवात्मज

6. पुण्य

7. लीलामानुष विग्रह

8. श्रीवत्स कौस्तुभधराय

9. यशोदावत्सल

10. हरि

11. चतुर्भुजात्त चक्रासिगदा

12. सङ्खाम्बुजा युदायुजाय

13. देवाकीनन्दन

14. श्रीशाय

15. नन्दगोप प्रियात्मज

16. यमुनावेगा संहार

17. बलभद्र प्रियनुज

18. पूतना जीवित हर

19. शकटासुर भञ्जन

20. नन्दव्रज जनानन्दिन

21. सच्चिदानन्दविग्रह

22. नवनीत विलिप्ताङ्ग

23. नवनीतनटन

24. मुचुकुन्द प्रसादक

25. षोडशस्त्री सहस्रेश

26. त्रिभङ्गी

27. मधुराकृत

28. शुकवागमृताब्दीन्दवे

29. गोविन्द

30. योगीपति

31. वत्सवाटि चराय

32. अनन्त

33. धेनुकासुरभञ्जनाय

34. तृणी-कृत-तृणावर्ताय

35. यमलार्जुन भञ्जन

36. उत्तलोत्तालभेत्रे

37. तमाल श्यामल कृता

38. गोप गोपीश्वर

39. योगी

40. कोटिसूर्य समप्रभा

41. इलापति

42. परंज्योतिष

43. यादवेंद्र

44. यदूद्वहाय

45. वनमालिने

46. पीतवससे

47. पारिजातापहारकाय

48. गोवर्थनाचलोद्धर्त्रे

49. गोपाल

50. सर्वपालकाय

51. अजाय

52. निरञ्जन

53. कामजनक

54. कञ्जलोचनाय

55. मधुघ्ने

56. मथुरानाथ

57. द्वारकानायक

58. बलि

59. बृन्दावनान्त सञ्चारिणे

60. तुलसीदाम भूषनाय

61. स्यमन्तकमणेर्हर्त्रे

62. नरनारयणात्मकाय

63. कुब्जा कृष्णाम्बरधराय

64. मायिने

65. परमपुरुष

66. मुष्टिकासुर चाणूर मल्लयुद्ध विशारदाय

67. संसारवैरी

68. कंसारिर

69. मुरारी

70. नाराकान्तक

71. अनादि ब्रह्मचारिक

72. कृष्णाव्यसन कर्शक

73. शिशुपालशिरश्छेत्त

74. दुर्यॊधनकुलान्तकृत

75. विदुराक्रूर वरद

76. विश्वरूपप्रदर्शक

77. सत्यवाचॆ

78. सत्य सङ्कल्प

79. सत्यभामारता

80. जयी

81. सुभद्रा पूर्वज

82. विष्णु

83. भीष्ममुक्ति प्रदायक

84. जगद्गुरू

85. जगन्नाथ

86. वॆणुनाद विशारद

87. वृषभासुर विध्वंसि

88. बाणासुर करान्तकृत

89. युधिष्ठिर प्रतिष्ठात्रे

90. बर्हिबर्हावतंसक

91. पार्थसारथी

92. अव्यक्त

93. गीतामृत महोदधी

94. कालीयफणिमाणिक्य रञ्जित श्रीपदाम्बुज

95. दामोदर

96. यज्ञभोक्त

97. दानवेन्द्र विनाशक

98. नारायण

99. परब्रह्म

100. पन्नगाशन वाहन

101. जलक्रीडा समासक्त गोपीवस्त्रापहाराक

102. पुण्य श्लॊक

103. तीर्थकरा

104. वेदवेद्या

105. दयानिधि

106. सर्वभूतात्मका

107. सर्वग्रहरुपी

108. परात्पराय

जन्माष्टमी पर श्री कृष्ण के 108 नामों का जाप क्यों करें?

जन्माष्टमी के दिन भगवान श्री कृष्ण के 108 नामों का जाप करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह नाम कृष्ण के विभिन्न रूपों, गुणों और लीला का बखान करते हैं, जिससे भक्तों को भगवान से गहरा जुड़ाव महसूस होता है। इसके अलावा, शास्त्रों में भी कहा गया है कि यह जाप मनुष्य के जीवन से बुरी शक्तियों का नाश करता है और मन को शुद्ध करता है।

ALSO READ:- जन्माष्टमी पर लड्डू गोपाल और झूले की सही दिशा जानिए:…

Exit mobile version