Chardham Yatra: कब भोलेनाथ की पंचमुखी मूर्ति की डोली यात्रा केदारनाथ धाम पहुंचेगी और कपाट कब खुलेंगे? यहाँ अधिक जानें

Chardham Yatra: 28 अप्रैल को बाबा केदारनाथ की पंचमुखी मूर्ति उखीमठ से केदारनाथ के लिए रवाना हो चुकी थी। मूर्ति के केदारनाथ धाम में पहुंचने पर कपाट खुल जाएंगे।
Chardham Yatra: हिंदूओं के लिए केदारनाथ धाम सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थानों में से एक है। इस स्थान पर आदियोगी भगवान शिव का निवास है। वैशाख की अक्षय तृतीया के दिन बाबा केदारनाथ धाम के कपाट खुलते हैं। 2025 में 2 मई को केदारनाथ धाम के कपाट खुलेंगे। कपाट खुलने से पहले बाबा केदार की पंचमुखी चल विग्रह मूर्ति की डोली को उनके शीतकालीन घर से यहां लाया जाता है। बाबा की डोली यात्रा 28 अप्रैल को शुरू हुई थी।
इस दिन ओंकारेश्वर मंदिर से डोली यात्रा निकली थी
28 अप्रैल को रुद्रप्रयाग जिले के उखीमठ से बाबा केदार की प्रतिमा को फूलों से सजी डोली में रवाना किया गया। ओंकारेश्वर मंदिर, बाबा केदारनाथ का शीतकालीन पूजा स्थल, से डोली यात्रा की शुरुआत हुई। शीतकाल में, जो लोग केदारनाथ धाम नहीं जा सकते, वे इसी स्थान पर बाबा केदार को देख सकते हैं।
डोली यात्रा का औपचारिक उद्घाटन हुआ
28 अप्रैल की सुबह 10:30 बजे, डोली को जय बाबा केदार के जयघोषों और भारतीय सेना के बैंड की भक्तिमय धुनों के बीच केदारनाथ धाम के लिए रवाना किया गया। डोली यात्रा शुरू होने से पहले, भोलेनाथ की पंचमुखी मूर्ति को पंच स्नान करवाकर एक सुसज्जित डोली में बैठाया गया था। मंदिर के पुजारियों, वेदपाठियों और बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के सदस्यों ने डोली को कंधे पर उठाकर रवाना किया। ओंकारेश्वर मंदिर में इस अवसर पर हजारों श्रद्धालु उपस्थित थे।
डोली यात्रा की प्रक्रिया और स्थान
1 मई को डोली यात्रा ओंकारेश्वर मंदिर से निकलकर गुप्तकाशी, फाटा और गौरीकुंड में रात्रि विश्राम करके केदारनाथ धाम में पहुंच जाएगी। यानी डोली को चार दिनों का समय लगेगा कि केदारनाथ धाम तक पहुंच जाए।
कब खुलेंगे केदारनाथ धाम के कपाट?
श्रद्धालुओं के लिए बाबा केदारनाथ धाम के कपाट वैशाख माह की पंचमी तिथि यानि 2 मई को खुल जाएंगे। सुबह शुभ मुहूर्त में लगभग 7 बजे केदारनाथ धाम के कपाट खुलेंगे। इसके बाद 6 महीनों तक भक्त यहां बाबा केदारनाथ के दर्शन कर सकेंगे। केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के बाद 4 मई को बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा पूर्ण रूप से आगाज हो जाएगा।