मध्य प्रदेशराज्य

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मां नर्मदा में मगरमच्छ छोड़ने के बाद मीडिया को दी जानकारी

नौरादेही अभयारण्य में भी चीते छोड़ने की योजना: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश नदियों का मायका है। मध्यप्रदेश में ईश्वर के आशीर्वाद से थलचर, जलचर और नभचर सभी प्रकार के जीव स्वच्छंद रूप से अपना जीवन यापन करते हैं। आज ओंकारेश्वर में मां नर्मदा के निर्जन स्थान पर मगरमच्छ प्राकृतिक आवास पर छोड़े गए हैं। मां नर्मदा के वाहन मगरमच्छ हैं, जो मध्यप्रदेश में विभिन्न क्षेत्रों में पाए जाते हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव गुरुवार को खण्डवा में मां नर्मदा के तट पर मगरमच्छ छोड़ने के बाद मीडिया कर्मियों से चर्चा कर रहे थे। इस अवसर पर वन मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि जो चीता पूरे एशिया से गायब हो गया था उन चीतों के पुनर्स्थापन का प्रयास विश्व में कई जगह हुआ, लेकिन हमें खुशी है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आशीर्वाद से मध्यप्रदेश में चीता पुनर्स्थापन का ऐतिहासिक कार्य हुआ। यह पुनर्स्थापना पहले पालपुर कूनो और बाद में राज्य के अंदर ही गांधी सागर में हुआ है। बहुत जल्द नौरादेही एक और अभयारण्य बनने वाला है। इसमें अफ्रीका, नामीबिया से चीते लाकर छोड़े जाएंगे।

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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बताया कि मां नर्मदा के प्रवाह में चार मादा दो नर मगर छोड़े गए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश में घड़ियाल और मगरमच्छ, चम्बल, सोन बरगी और अन्य नदियों में हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि जल का ईको -सिस्टम पर्यावरण की भी रक्षा करता है। जिस प्रकार मां नर्मदा का आशीर्वाद सबको मिलता है, मां नर्मदा अपने वाहन मगर को भी आशीर्वाद दे और प्राकृतिक रूप से स्वच्छता का यह कार्य होता रहे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने खंडवा जिले में हुए इस शुभ कार्य के लिए और प्रदेश की स्थापना दिवस के लिए प्रदेशवासियों को बधाई दी।

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