Kartar Singh Sarabha
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने गुरुवार को शहीद Kartar Singh Sarabha के शहीदी दिवस पर उनके पैतृक गांव में उनकी मूर्ति पर फूल अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इस दौरान लुधियाना जिले के गांव सराभा में एक राज्य स्तरीय कार्यक्रम भी हुआ था। इस दौरान सीएम मान ने कहा कि आज हम कर्मों और भाग्यों वाली धरती को नमन करने आए हैं जिसने करतार सिंह को जन्म दिया।
“परमात्मा किसी-किसी को ही ये मौका देता है, वो देश के काम आएं,” CM मान ने कहा। ये सेवा अपनी कौम से ही मिलती है। नहीं, गांवों में 90 से 95 साल की उम्र के लोग भी मौत का इंतजार करते हैं। उनके गांव के लोग भी नहीं जानते कि वह बुजुर्ग जीवित है या नहीं। जिंदगी इतनी गुमनाम है। 19 वर्षीय Kartar Singh Sarabha और 23 वर्षीय भगत सिंह सुखदेव सिंह ने सारी दुनिया के दिलों में हमेशा जिंदा रहेंगे।मुख्यमंत्री मान ने कहा कि आदमी सालों से नहीं बल्कि विचारों से बड़ा होता है। उनका ध्यान बड़ा था।
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‘लोगों का कसूर नहीं है वो सिस्टम से दुखी’
CM मान ने कहा कि आज शहीदों की याद में मेले हो रहे हैं। उन्हें भी गर्व है कि वे भी शहीदों की धरती पर पैदा हुए हैं। उन्होंने कहा कि वे अपने आप को पैर की धूल के तिनके के बराबर भी नहीं मानते; उनके विचारों के अनुसार, अगर वे कुछ भी कर सकते हैं, तो सब ठीक हो जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम अपने देश को छोड़कर जा रहे हैं और पंजाब को बेगाना समझने लगे। शहीदों की आत्मा घबरा जाएगी जब वे सोचते होंगे कि क्या उन्हें आजादी दी गई थी ताकि वे फिर से अंग्रेजों के पास चले जाएँ, अपनी मां की बालियां बेच दें और अपने पिता की जमीन बेच दें। लेकिन सिस्टम उन लोगों को दुखी करता है, नहीं उन लोगों।
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