CM Arvind Kejriwal ने अंतरिम जमानत की मांग की
दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली के CM Arvind Kejriwal की अंतरिम जमानत को खारिज कर दिया। यह शिकायत एक लॉ स्टूडेंट ने की थी। मुख्यमंत्री केजरीवाल के वकील राहुल मेहरा ने खुद इसका विरोध किया। एडवोकेट राहुल मेहरा ने सुनवाई के दौरान अपनी दलीलें रखीं, जिसके बाद जस्टिस ने फैसला सुनाते हुए याचिका खारिज कर दी।
कोर्ट ने खारिज कर दी गई याचिका में मांग की गई थी कि अरविंद केजरीवाल के मुख्यमंत्री कार्यकाल तक या जब तक सुनवाई पूरी नहीं हो जाती, तब तक उन्हें जमानत दी जाए।
याचिकाकर्ता को इसका अधिकार नहीं- एडवोकेट मेहरा की दलील
यह पीआईएल लगता है कि किसी साजिश के तहत दायर की गई है, CM Arvind Kejriwal के पक्ष से वरिष्ठ अधिवक्ता राहुल मेहरा ने कोर्ट में दलील दी। ऐसी अपील करने का याचिकाकर्ता को कोई अधिकार नहीं है। सीएम केजरीवाल चाहें तो समय आने पर खुद ही अंतरिम जमानत की अपील कर सकते हैं।
याचिकाकर्ता को CM Arvind Kejriwal के पक्ष में कोई जानकारी नहीं है, अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया। ऐसा लगता है कि याचिकाकर्ता ने केवल प्रसिद्धि पाने या अपना प्रचार करने के लिए ऐसा किया है।
कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर लगाया 75 हजार का जुर्माना
सुनवाई में CM Arvind Kejriwal के अधिवक्ता का पक्ष सुनने के बाद एक्टिंग चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की बेंच ने याचिकाकर्ता पर 75 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। बेंच ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता, एक चौथे वर्ष का कानून विद्यार्थी, भारत के लोगों का प्रतिनिधित्व करने का दावा एक ‘आधारहीन काल्पनिक दावा’ था।
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हाई कोर्ट की बेंच ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता को दिल्ली के सीएम की ओर से कोई अधिकार नहीं है कि वह ऐसे बयान या ऐसे व्यक्तिगत वादा दे सके। बेंच ने कहा कि इससे साफ होता है कि याचिकाकर्ता अरविंद केजरीवाल के खिलाफ चल रही कार्रवाई से अनजान था। वर्तमान जनहित याचिका को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान को 75 हजार रुपये के जुर्माने के साथ खारिज किया जाता है।
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