दिल्ली में पलूशन के बढ़ते स्तर को देखते हुए, कई लोग छठ को दूर स्थानों पर मनाने की कोशिश कर रहे हैं। इस पर आप नेता और दिल्ली की CM Atishi ने दिल्ली में रहकर छठ मनाने के लिए लोगों से कहा है।
CM Atishi: दिल्ली की राजधानी में इस समय पलूशन का भयानक रूप देखने को मिल रहा है। इससे यमुना नदी भी प्रभावित होती है। इसका सीधा असर छठ पूजा पर है। इस बीच दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने मंगलवार को कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने सुनिश्चित किया कि पूर्वांचल के लोगों को छठ पूजा के लिए राष्ट्रीय राजधानी छोड़ना न पड़े।
एक हजार से अधिक छठघाट बनाए गए
आतिशी ने चार दिवसीय छठ महापर्व के पहले दिन एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दिल्ली सरकार ने एक हजार से अधिक घाट बनाए हैं ताकि लोग इस महापर्व को मना सकें। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी बीते 10 साल से दिल्ली की सत्ता में है और उसने सुनिश्चित किया है कि पूर्वांचल के लोगों को छठ मनाने के लिए शहर को छोड़ना नहीं पड़े।
छठ की छुट्टी और 60 से बढ़कर हजार हुए घाट
आतिशी ने कहा कि आपकी सरकार के आने से पहले केवल 60 छठ घाट थे, लेकिन आज एक हजार से अधिक घाट बनाए जा रहे हैं ताकि लोग इस त्योहार को मना सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि छठ पूजा के उपलक्ष्य में दिल्ली सरकार ने सात नवंबर को सार्वजनिक छुट्टी घोषित की है। उनका कहना था कि पूर्वांचली लोगों को इस महापर्व को मनाने के लिए शहर के मुख्य घाटों पर पानी, शौचालय, चिकित्सक और एंबुलेंस सहित सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
जहरीले झाग के बावजूद लोगों ने यमुना में डुबकी लगाई
छह पूजा भगवान सूर्य को समर्पित है और यह चार दिन का पर्व है। यह त्योहार ‘नहाय-खाय’ से शुरू होता है, जिसमें व्रती साफ-सफाई करने का वादा करता है और प्रसाद के रूप में ‘चने की दाल’ और ‘कद्दू भात’ खाता है। पर्व के पहले दिन मंगलवार को, जहरीले झाग की कड़ी परत के बावजूद काफी लोगों ने यमुना में डुबकी लगाई।
दिल्ली में 30-40 फीसदी पूर्वांचली मतदाता
दिल्ली में रह रहे पूर्वांचली समुदाय के लिए छठ पूजा एक महत्वपूर्ण त्यौहार है, जिसमें उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के भोजपुरी-मैथिली और मगही भाषी निवासी शामिल हैं। यह समुदाय दिल्ली में मतदाताओं के 30-40 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करता है, जहां अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने हैं।