दिल्ली की CM Atishi ने बस मार्शलों की नियुक्ति पर उपराज्यपाल वीके सक्सेना को पत्र लिखा है। आतिशी ने पत्र में लिखा है कि 13 नवंबर को दिल्ली सरकार ने आपके पास मार्शलों की फिर से नियुक्ति का प्रस्ताव भेजा था, लेकिन अब तक आपकी मंजूरी नहीं मिली है।
दिल्ली की CM Atishi ने बस मार्शलों की नियुक्ति पर उपराज्यपाल वीके सक्सेना को पत्र लिखा है। आतिशी ने पत्र में लिखा है कि 13 नवंबर को दिल्ली सरकार ने आपके पास मार्शलों की फिर से नियुक्ति का प्रस्ताव भेजा था, लेकिन अब तक आपकी मंजूरी नहीं मिली है। मैं आपसे विनती करता हूँ कि इस प्रस्ताव को स्वीकार करें। सरकार, मार्शल और पूरी दिल्ली की महिलाएं आपकी मंजूरी का इंतजार कर रही हैं।
आतिशी ने पत्र में लिखा कि दिल्ली की जनता कभी नहीं भूल सकती जब बसों में उनकी माताएं बहनें और बेटियां असुरक्षित महसूस करती थीं। छेड़खानी और गलत नजरों का शिकार होना जैसे उनकी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन गया था। बच्चियों का स्कूल और कॉलेज जाना किसी चुनौती से कम नहीं था और महिलाएं काम पर जाने से पहले सौ बार सोचती थीं कि क्या वे सुरक्षित लौट पाएंगी। ये दर्द हर घर में महसूस किया जाता था।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए बसों में 10,000 से ज्यादा मार्शल तैनात किए इन मार्शल ने ईमानदारी से अपना काम करते हुए बहुत से उपद्रवियों को पकड़ा था। तब से हर महिला ने बसों में सुरक्षित महसूस किया था। हमारे मार्शल हर उस मां-बहन, बेटी की उम्मीद थे जो हर दिन घर से निकलती थीं। इन मार्शलों ने महिलाओं को आत्मविश्वास और सुरक्षा भी दी। यह भी उनमें विश्वास जगाया कि अब कोई असामाजिक व्यक्ति उनका शोषण नहीं करेगा। लेकिन फिर केंद्र सरकार के इशारों पर दिल्ली सरकार में बैठे कुछ अफसरों ने एक सजिश के तहत पहले तो इन सभी मार्शलों की तनख्वाह रोकी और फिर 31 अक्टूबर 2023 को इन बस मार्शलों को उनकी नौकरी से भी हटा दिया गया। हमारी सरकार ने आपसे तब भी गुजारिश की थी कि ऐसे अफसरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, लेकिन दुर्भाग्यवश उन पर कार्रवाई करने की बजाय उन्हें तरक्की देकर और भी बड़े पदों पर बैठा दिया गया।
आतिशी ने आगे लिखा कि गरीब मार्शलों की नौकरी छीनने से न केवल उनके परिवारों का सहारा छिन गया, बल्कि महिलाओं की सुरक्षा का वह कवच भी कमजोर हो गया जो हर दिन लाखों महिलाओं को निडर होकर बसों में सफर करने की शक्ति देता था। हमारे सभी मंत्रियों ने 13 नवंबर 2024 को एक प्रस्ताव पास करके आपके कार्यालय में इस सभी मार्शलों को दोबारा नियुक्ति देने और उन्हें नौकरी पर रखने के लिए भेजा। अब लगभग दो हफ्ते से अधिक समय बीत जाने के बाद भी आपने इस प्रस्ताव पर कोई निर्णय नहीं लिया है। मुझे समझ नहीं आ रहा कि ये देरी क्यों हो रही है।
आपसे हाथ जोड़कर विनती करती हूं कि इस प्रस्ताव पर जल्द से जल्द अपनी स्वीकृति दें ताकि उन 10,000 परिवारों में फिर से रौशनी लौट आए और महिलाओं की सुरक्षा के लिए बसों में मार्शल तैनात हो सकें। आपकी स्वीकृति का इंतजार केवल इन मार्शलों को ही नहीं बल्कि मुझे और हमारी पूरी सरकार इन मार्शलों के परिवार और दिल्ली की सभी महिलाओं को है। हम सब आपकी सहमति का इंतजार कर रहे हैं।