राज्यपंजाब

CM Bhagwant Mann ने ‘निशान-ए-इंकलाब’ प्लाजा जनता को समर्पित किया

CM Bhagwant Mann: शहीद भगत सिंह की 30 फीट ऊंची प्रतिमा युवाओं को देश सेवा के लिए प्रेरित करेगी

  • शहीद भगत सिंह के सपने को साकार करने की प्रतिबद्धता दोहराई

पंजाब के CM Bhagwant Mann ने कहा कि अत्याधुनिक ‘निशान-ए-इंकलाब’ प्लाजा शहीद-ए-आजम भगत सिंह के जीवन और दर्शन को कायम रखते हुए युवाओं को राष्ट्र के प्रति निस्वार्थ सेवा के लिए प्रेरित करेगा।  

एयरपोर्ट रोड पर शहीद भगत सिंह की 30 फुट ऊंची कांस्य प्रतिमा वाले प्लाजा को लोगों को समर्पित करने के बाद उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस महान शहीद को केवल उनके शहीदी दिवस (23 मार्च) या जन्मदिवस (28 सितंबर) पर ही याद नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि इस महान शहीद को हर पल याद किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि 5 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित यह प्लाजा हमारी युवा पीढ़ी को महान शहीद के पदचिन्हों पर चलने और देश की सेवा करने के लिए प्रेरित करता रहेगा। भगवंत सिंह मान ने उम्मीद जताई कि यह प्लाजा देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को इस महान शहीद की भूमिका से अवगत करवाकर उनके लिए एक प्रकाश स्तंभ का काम करेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के अथक प्रयासों के कारण मोहाली हवाई अड्डे का नाम शहीद भगत सिंह के नाम पर रखा गया है। उन्होंने कहा कि पिछली किसी भी सरकार ने इस हवाई अड्डे का नाम किसी महान शहीद के नाम पर रखने की जहमत नहीं उठाई, लेकिन सत्ता संभालने के बाद उनकी सरकार ने इसे सर्वोच्च प्राथमिकता दी। भगवंत सिंह मान ने आगे कहा कि इन महान शहीदों के नाम पर हवाई अड्डों, विश्वविद्यालयों और अन्य संस्थानों का नाम रखना उनकी गौरवशाली विरासत को कायम रखने के लिए महत्वपूर्ण है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार महान शहीदों की आकांक्षाओं को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। उन्होंने कहा कि महान राष्ट्रवादियों की आकांक्षाओं के अनुरूप राज्य सरकार राज्य की प्रगति और लोगों की खुशहाली को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब राज्य सरकार के ठोस प्रयासों के कारण पंजाब जल्द ही देश भर में अग्रणी राज्य के रूप में उभरेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार शहीद भगत सिंह के हर सपने को पूरा करने और एक सौहार्दपूर्ण और समतावादी समाज बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के युवा नायक ने देश को विदेशी साम्राज्यवाद के चंगुल से मुक्त कराने के लिए छोटी उम्र में ही अपने प्राणों की आहुति दे दी थी। भगवंत सिंह मान ने दुख जताते हुए कहा कि पिछले 70 सालों के दौरान पिछली सरकारों ने शहीद-ए-आजम भगत सिंह जैसे हमारे महान शहीदों के सपनों और दूरदर्शिता को पूरी तरह से नजरअंदाज किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि राज्य से कोई भी व्यक्ति विदेश न जाए, ताकि शहीद भगत सिंह के सपने पूरे हों। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पारदर्शी तरीके से युवाओं को लगभग 50,000 नौकरियाँ दी हैं और इसके लिए आगे भी कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार ने राज्य में रिवर्स माइग्रेशन शुरू करने के लिए पहले ही काम शुरू कर दिया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस उम्र में युवा अपने माता-पिता से उपहार मांगते हैं, उस उम्र में शहीद भगत सिंह जी ने अंग्रेजों से अपनी मातृभूमि की आजादी मांगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि शहीद भगत सिंह एक पढ़े-लिखे नेता थे, जो हमेशा लोगों के कल्याण के बारे में चिंतित रहते थे। उन्होंने कहा कि इस महान शहीद ने देश को ब्रिटिश साम्राज्यवाद के चंगुल से मुक्त कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीद-ए-आजम के सपने अभी भी अधूरे हैं क्योंकि भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और गरीबी अभी भी हावी है। उन्होंने लोगों से जाति, संप्रदाय और धर्म की संकीर्ण सोच से ऊपर उठकर भारत को नंबर वन बनाने का आह्वान किया। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह शहीद भगत सिंह और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी जिन्होंने मातृभूमि की बलिवेदी पर अपने प्राण न्यौछावर कर दिए।

मुख्यमंत्री ने नौजवानों से आगे आकर शहीद भगत सिंह के सपनों का देश बनाने का आह्वान किया और कहा कि हम सभी को शहीदों के सपनों को साकार करने के लिए कठोर प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि राज्य के प्राचीन गौरव को बहाल करना समय की मांग है। उन्होंने कहा कि महान शहीद केवल एक व्यक्ति नहीं बल्कि एक संस्था थे। उन्होंने कहा कि हमें देश की प्रगति के लिए उनके पदचिन्हों पर चलना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीद भगत सिंह का सर्वोच्च बलिदान युवाओं को देश सेवा के लिए प्रेरित करेगा। उन्होंने कहा कि शहीद भगत सिंह ने देश को विदेशी चंगुल से मुक्त करवाने के अलावा भ्रष्टाचार और गरीबी मुक्त भारत का सपना भी देखा था। भगवंत सिंह मान ने युवाओं से आग्रह किया कि वे शहीद भगत सिंह के पदचिन्हों पर चलते हुए राज्य की सेवा करने का संकल्प लें।

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