राज्यपंजाब

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान द्वारा ‘मिशन चढ़दी कला’ की शुरुआत, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फंड जुटाने की अपील

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान: पंजाब सरकार द्वारा बाढ़ पीड़ितों के पुनर्वास के लिए किए जा रहे प्रयासों हेतु फंड इकट्ठा करने के उद्देश्य से उठाया गया कदम

  • विश्व भर में बसते पंजाबियों को फंड में अधिक से अधिक योगदान डालने का आह्वान
  • अपने करेंगे अपनों का पुनर्वास

पंजाब के बाढ़ पीड़ितों के पुनर्वास के प्रयासों को तेज करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज ‘मिशन चढ़दी कला’ की शुरुआत की है। इस मिशन के तहत पंजाब सरकार द्वारा प्रदेश में बाढ़ प्रभावित लोगों को पुनः अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए की जा रही कोशिशों हेतु फंड जुटाने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अभियान चलाया जाएगा।

एक वीडियो संदेश में मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि बीते समय में प्रदेश ने एक ऐसे कठिन दौर से गुजरा है जिसे हमारी पीढ़ियाँ कभी भूल नहीं सकेंगी। उन्होंने कहा कि बाढ़ ने सिर्फ पानी का कहर नहीं ढाया, बल्कि लाखों सपने भी इसके पानी में बह गए। भगवंत सिंह मान ने कहा कि 2300 गांव डूब गए हैं, 20 लाख लोग प्रभावित हुए हैं, पांच लाख एकड़ फसल बर्बाद हो गई है, 56 कीमती जानें चली गईं और 7 लाख लोग बेघर हो गए।

इस दौरान मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि 3200 स्कूल बर्बाद हो गए, 19 कॉलेज मलबे में बदल गए, 1400 क्लीनिक व अस्पताल खंडहर बन गए हैं, 8500 किलोमीटर सड़कें बदतर स्थिति में पहुंच गई हैं और 2500 पुल ढह गए। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक अनुमान के अनुसार 13,800 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है जबकि नुकसान इससे कहीं अधिक हो सकता है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि भले ही यह पंजाब के इतिहास का सबसे भयावह दुखांत है, परंतु इसके साथ यह पंजाब के लिए सबसे बड़ा इम्तिहान भी है। उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है कि जब भी पंजाब ने किसी संकट का सामना किया है, पंजाबियों ने कभी संकट के सामने झुके नहीं, बल्कि हमेशा चट्टान की तरह हिम्मत से खड़े रहे हैं।

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि बाढ़ के दौरान भी युवा अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों को बचा रहे थे। उन्होंने बताया कि कैसे गुरुद्वारे, मंदिर और अन्य धार्मिक स्थान मदद के लिए अपने दरवाजे खोल रहे थे और लंगर चला रहे थे, कैसे पूरा पंजाब माला के मनकों की तरह एकजुट होकर परिवार की तरह खड़ा हुआ। उन्होंने कहा कि यही हमारी सबसे बड़ी ताकत और विशेषता है।

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मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि अब समय आ गया है राहत और पुनर्वास से आगे बढ़ने का, क्योंकि हमारे किसान को फिर से खेती करनी है, बच्चों को फिर से स्कूल जाना है और बाढ़ पीड़ित परिवारों ने फिर से अपने घर बसाने हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इन चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए ‘मिशन चढ़दी कला’ की शुरुआत की गई है। चढ़दी कला का भाव – कठिन से कठिन समय में भी हौसला बुलंद रखना, हर दुख में भी मजबूत रहना और हर अंधेरे में भी उम्मीद की रौशनी जलाए रखना है।

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि वे हर पंजाबी, भारत के हर नागरिक, हमारे उद्योगपतियों, कलाकारों, चैरिटेबल ट्रस्टों और दुनिया भर में रहने वाले अपने पंजाबी भाइयों-बहनों से दिल से अपील करते हैं कि आज पंजाब को आपकी जरूरत है। उन्होंने कहा कि आइए, एकजुट होकर इस कठिन घड़ी में पंजाब का हाथ थामें और खुले दिल से मदद करें। भगवंत सिंह मान ने वादा किया कि बाढ़ पीड़ितों की सहायता हेतु आया एक-एक पैसा पूरी ईमानदारी व पारदर्शिता के साथ पुनर्वास और निर्माण कार्यों पर ही खर्च किया जाएगा।

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने लोगों से कि अपील

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने लोगों से अपील की कि www.rangla.punjab.gov.in के माध्यम से बाढ़ पीड़ितों के लिए योगदान दिया जा सकता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि हम सब मिलकर फिर से साबित करेंगे कि पंजाब कभी हार नहीं मानता। पंजाब हमेशा चढ़दी कला में रहता है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि उनके कार्यालय में वार रूम भी स्थापित किया गया है, जो ‘मिशन चढ़दी कला’ से संबंधित सभी गतिविधियों की सीधे तौर पर निगरानी करेगा। उन्होंने कहा कि वे खुद रोजाना इन प्रयासों की व्यक्तिगत रूप से निगरानी करेंगे।

इस दौरान मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने बाढ़ राहत कार्यों का जायजा लेने हेतु वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सभी जिलों के डिप्टी कमिश्नरों से बैठक की। उन्होंने डिप्टी कमिश्नरों को बाढ़ राहत कैंपों और अन्य प्रभावित क्षेत्रों का रोजाना दौरा करने के निर्देश दिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि लोगों को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। भगवंत सिंह मान ने उन्हें ‘मिशन चढ़दी कला’ के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इस मिशन के तहत इकट्ठा किया गया हर पैसा बाढ़ प्रभावित लोगों के पुनर्वास पर खर्च किया जाएगा।

इस मौके पर वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा, मुख्य सचिव के.ए.पी. सिन्हा एवं अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।

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