CM Bhajanlal Sharma, मुख्यमंत्री कार्यालय में उद्योग, व्यापार, कर सलाहकार संघों एवं सेवा क्षेत्र के प्रतिनिधियों के साथ दो सत्रों में आयोजित बजट पूर्व चर्चा को संबोधित कर रहे थे
- उद्योग राज्य की अर्थव्यवस्था का आधार, राज्य सरकार न्यायसंगत कर प्रणाली के लिए प्रतिबद्ध
CM Bhajanlal Sharma ने कहा कि राजस्थान की अर्थव्यवस्था में उद्योग तीन-चौथाई योगदान देता है और राज्य में उद्योग के लिए अनगिनत संभावनाएं हैं। उनका कहना था कि राज्य सरकार इन दोनों क्षेत्रों के लिए अनुकूल वातावरण बना रही है, ताकि राज्य की अर्थव्यवस्था को 350 बिलियन डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य पूरा किया जा सके। उनका कहना था कि प्रतिनिधियों के सुझावों का गहन अध्ययन करने के बाद, आगामी बजट 2025–26 में इसे शामिल करने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा।
बजट पूर्व चर्चा को सोमवार को श्री शर्मा मुख्यमंत्री कार्यालय में दो सत्रों में उद्योग, व्यापार, कर सलाहकार संघों और सेवा क्षेत्र के प्रतिनिधियों के साथ संबोधित कर रहे थे। उनका कहना था कि औद्योगिक विकास से अर्थव्यवस्था मजबूत होती है और लोगों को रोजगार के अवसर मिलते हैं। उनका कहना था कि राज्य सरकार ने अपने कार्यकाल के पहले ही साल में आर्थिक क्षेत्र के लिए नवीन नीतियां बनाने, बड़े निवेश समझौते करने और राइजिंग राजस्थान समिट का आयोजन करके राज्य की आर्थिक दिशा में एक नई गति दी।
राजस्थान बन रहा बड़े अवसरों की भूमि—
श्री शर्मा ने कहा कि आज राजस्थान राज्य सरकार की कोशिशों से हर क्षेत्र में एक अलग पहचान बना रहा है, जैसे निवेश, औद्योगिकीकरण, स्वास्थ्य, शिक्षा और पर्यटन। प्रदेश की अनुकूल निवेश नीतियों के कारण एमएसएमई का पंजीकरण तेजी से बढ़ रहा है। पिछले एक साल में राजस्थान में लगभग 5 लाख सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों का पंजीकरण हुआ है, जो एमएसएमई इकाइयों में चौथा स्थान है। उनका कहना था कि राजस्थान, देश का सबसे बड़ा राज्य, अब बड़े अवसरों का स्थान बन रहा है। प्रदेश भी सौर और पवन ऊर्जा उत्पादन में अग्रणी राज्य बन गया है।
राज्य की अर्थव्यवस्था कुशल वित्तीय प्रबंधन से मजबूत हो रही है—
श्री शर्मा ने कहा कि हमारी सरकार ने अल्प अवधि में ही कुशल वित्तीय प्रबंधन के साथ राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत किया है, जिससे 2024 में जीएसडीपी 12.56 प्रतिशत तक बढ़ेगा। उन्हें बताया गया कि राज्य के पूंजीगत व्यय में भी 65.94 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
रिप्स 2024 में समावेशी और संतुलित विकास का प्रावधान करेंगे—
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना-2024 बनाई है, जिसका उद्देश्य प्रदेश में संतुलित और समावेशी विकास और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देना है। श्री शर्मा ने कहा कि सरकार कृषि और कृषकों का पूरा विकास चाहती है। सरकार ने 66 लाख किसानों को किसान सम्मान निधि से 650 करोड़ रुपये की अतिरिक्त किश्त सीधे बैंक खातों में भेजी। हमारे राज्य के अन्नदाताओं को राज्य सरकार ने पहली बार इतनी बड़ी राशि सीधे उनके बैंक खातों में भेजी। उनका कहना था कि राज्य सरकार ने औद्योगिक क्षेत्रों को विकसित करने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिसमें 11 नए औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना के लिए वित्तीय स्वीकृति, पांच नवीन श्रीराम जानकी औद्योगिक क्षेत्रों को भूखंड आवंटन, यूनिटी मॉल के लिए वित्तीय स्वीकृति और भूमि आंवटन शामिल हैं।
राजस्व संग्रहण विकास प्रयासों का आधार—
श्री शर्मा ने कहा कि कर केवल राजस्व जमा करने का साधन नहीं है, बल्कि यह राज्य के विकास का आधार बनता है। राज्य सरकार इसी सिद्धान्त पर काम कर रही है कि कर से होने वाली आय सबसे अधिक जनकल्याणकारी कामों में खर्च की जाए। उनका कहना था कि करों से प्राप्त धन को शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचा और सामाजिक कल्याण के क्षेत्रों में खर्च किया जाता है, जिससे विकास का लाभ समाज के हर वर्ग को मिलता है।
वैट दरों को तर्कसंगत बनाया, आम जनता को राहत दी—
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने आम लोगों को राहत देने के लिए अभूतपूर्व कदम उठाए हैं। हमारे शासन ने वैट दरों को तर्कसंगत बनाते हुए डीजल और पेट्रोल पर 2 प्रतिशत की कमी की, जिससे दरें एकरूप हो गईं और आम जनता को सस्ता तेल मिल गया। साथ ही, सीएनजी और पीएनजी वैट दरें 14.5 प्रतिशत से 10 प्रतिशत कर दी गईं।
इस दौरान उद्योगपतियों ने मुख्यमंत्री को राइजिंग राजस्थान समिट के सफल आयोजन के लिए धन्यवाद दिया।बैठक में सी.आई.आई, राजस्थान चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज, फोर्टी राजस्थान चैप्टर दलित इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज, भारतीय उद्योग व्यापार मंडल, राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ, गारमेंट एक्सपोर्ट एसोसिएशन ऑफ राजस्थान, राजस्थान सर्राफा संघ, एसोचेम, फिक्की, राजस्थान टैक्स बार एसोसिएशन, दी राजस्थान टैक्स कंसल्टेंट एसोसिएशन, लघु उद्योग भारती, रेवाड़ी औद्योगिक एसोसिएशन, फेडरेशन ऑफ माइंस एसोसिएशन, विश्वकर्मा औद्योगिक संगठन, कोटा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन, स्टील चेंबर्स, सोप मैन्युफैक्चरिंग, ऑयल, सीमेंट, प्लास्टिक, सिरेमिक, टाउनशिप, रियल स्टेट, टैक्सटाईल सहित विभिन्न सेक्टर्स के संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद थे।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री श्रीमती दिया कुमारी, उद्योग मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड, उद्योग राज्य मंत्री श्री के के विश्नोई, अतिरिक्त मुख्य सचिव ऊर्जा श्री आलोक, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त श्री अखिल अरोड़ा, अतिरिक्त मुख्य सचिव (मुख्यमंत्री कार्यालय) श्री शिखर अग्रवाल, प्रमुख शासन सचिव उद्योग श्री अजिताभ शर्मा, प्रमुख शासन सचिव राजस्व श्री दिनेश कुमार, प्रमुख शासन सचिव स्वायत्त शासन विभाग श्री राजेश यादव एवं प्रमुख शासन सचिव नगरीय विकास श्री वैभव गालरिया सहित संबंधित अधिकारीगण मौजूद रहे।