राज्यमध्य प्रदेश

CM Dr. Mohan Yadav ने अमर शहीद हेमू कालाणी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया

CM Dr. Mohan Yadav: उज्जैन सहित राज्य के अन्य धार्मिक नगरों में पूरी तरह से शराबबंदी लागू होगी

उज्जैन की सिंधी कॉलोनी में क्रांतिकारी और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अमर शहीद हेमू कालाणी की प्रतिमा पर CM Dr. Mohan Yadav ने माल्यार्पण किया। अवसर पर, मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने कहा कि आज अमर शहीद हेमू कालाणी का बलिदान दिवस है। उन्होंने 19 वर्ष की उम्र में स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की आहुति दी।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हेमू कालाणी और अन्य क्रांतिकारियों के अथक प्रयासों से लगभग एक हजार वर्ष की दासता समाप्त हुई। हर शताब्दी में विदेशी आक्रमणों से लड़ने वाले वीर शहीदों ने भारत माता की गोद में जन्म लेकर भारतीय संस्कृति की रक्षा कर जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी को चरितार्थ किया है। भारत से धन अंग्रेजी आक्रंताओं ने लूटा था। हमारे शहीदों ने अपनी जान देकर अंग्रेजों को देश से बाहर निकालकर इस लूट को रोका था।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमारे देश का इतिहास पृथ्वीराज चौहान (1192) से 1947 तक निरंतर वीर शहीदों और शूरवीरों से भर गया है। विदेशी आक्रंताओं से महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी महाराज, गोंड साम्राज्य, बाजीराव पेशवा, सिंधिया साम्राज्य और होलकर साम्राज्य ने लगातार लड़ाई लड़ी। हमारे मंदिरों और संस्कृति पर मुगलों और अन्य विदेशी आक्रमणकारियों ने लगातार हमला किया। हमने अपने बल से इन घटनाओं को समयोचित तरीके से पुनर्स्थापित करके उत्तर सनातन संस्कृति और श्री चिंतामण गणेश, बड़ा गणपति महाराज, कालभैरव, श्री मंगलनाथ महाराज और श्री सिद्धनाथ महाराज की देवस्थानों को पुनर्स्थापित किया।

मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने कहा कि उज्जैन और प्रदेश के अन्य धार्मिक नगरों में जल्द ही पूरी तरह से शराबबंदी लागू की जाएगी, ताकि श्रद्धालुओं की आस्था को ठेस न पहुंचे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में धार्मिक, प्राकृतिक और सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देने पर हमारा संपूर्ण ध्यान है। इससे प्रदेशवासियों को नौकरी मिलेगी और राज्य का चहुँमुखी विकास होगा।

भारत माता के वीर सपूत अमर शहीद हेमू कालाणी

हेमू कालाणी एक क्रांतिकारी थे जिन्होंने भारत की आजादी के लिए अपनी जान दे दी। सिंध के सुक्कुर में जन्मे हेमू कालाणी ने अंग्रेजी शासन के खिलाफ बहुत छोटी उम्र में आवाज उठाई। उन्हें बचपन से ही विदेशी वस्तुओं से दूर रहने और स्थानीय उत्पादों को अपनाने की प्रेरणा मिली। 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में सक्रिय था। हेमू कालाणी और उनके सहयोगियों ने अंग्रेजी सेना को परास्त करने के लिए कई साहसिक कार्य किए। हथियारों से भरी रेलगाड़ी को पटरी से उतारने की उनकी योजना थी। इस पर अंग्रेजी सरकार ने हेमू कालाणी को गिरफ्तार कर लिया और उन्हें फांसी की सजा सुनाई।

इस दौरान विधायक श्री अनिल जैन कालूहेडा, महापौर श्री मुकेश टटवाल, सभापति श्रीमती कलावती यादव सहित जन-प्रतिनिधि और नागरिक उपस्थित थे।

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