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CM Nayab Saini ने ये निर्देश ने दिए; हरियाणा में गेहूं के बंपर उत्पादन की संभावना

हरियाणा सरकार ने 2025 से 26 तक रबी सीजन में 75 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा है। CM Nayab Saini ने अधिकारियों को कई निर्देश दिए हैं ताकि किसानों को मंडियों में कोई परेशानी न हो।

हरियाणा के CM Nayab Saini ने सभी चार एजेंसियों को रबी विपणन सीजन 2025-26 के लिए फसल खरीद की पूरी तैयारी समय पर करने के लिए कहा। उन्होंने अधिकारियों को यह भी बताया कि किसानों को मंडियों में कोई असुविधा नहीं होगी।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, सैनी ने यहां एक बैठक में फसल खरीद की तैयारियों की चर्चा की। बैठक में कहा गया कि इस बार गेहूं का बंपर उत्पादन होने की संभावना है, इसलिए खरीद के लिए मजबूत प्रणाली होनी चाहिए। 30 प्रतिशत फसल खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग खरीदेगा। भारतीय खाद्य निगम 10 प्रतिशत, हरियाणा राज्य वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन 20 प्रतिशत और हरियाणा राज्य सहकारी आपूर्ति और विपणन संघ लिमिटेड 40 प्रतिशत की भागीदारी करेंगे।

इस बार एजेंसियों का लक्ष्य 75 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदना है। 15 मार्च से सरसों की खरीद शुरू हो गई है, जबकि 20 मार्च से मसूर की खरीद होगी, जो 1 मई तक जारी रहेगी। गेहूं, जौ और चना की खरीद 1 अप्रैल से, जबकि सूरजमुखी की खरीद 1 जून से शुरू होगी।

वित्तीय नियंत्रण और भुगतान प्रणाली

इस सीज़न के लिए, वित्त विभाग और भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने 6,653.44 करोड़ रुपये की नकद ऋण सीमा मंजूरी दी है। सरकार किसानों को 48 से 72 घंटे के भीतर भुगतान देने को प्रतिबद्ध है। हरियाणा देश में गेहूं उत्पादन में दूसरे स्थान पर है और केंद्रीय पूल में लगभग 25% का योगदान देता है।

खरीद केंद्र और MSP की लागत

राज्य में 415 मंडियों में गेहूं की खरीद होगी; 25 में जौ; 11 में चना; 7 में मसूर; 116 में सरसों; और 17 में सूरजमुखी। सरकार ने जौ के लिए 1,980 रुपये प्रति क्विंटल, चना के लिए 5,650 रुपये, मसूर के लिए 6,700 रुपये, सरसों के लिए 5,950 रुपये और सूरजमुखी के लिए 7,280 रुपये प्रति क्विंटल न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) निर्धारित किया है।

ध्यान दें कि हरियाणा पहला राज्य है जहां MSP पर सभी फसलें खरीदी जाती हैं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को मंडियों में पर्याप्त बोरी उपलब्ध कराने और किसानों की सुविधा के लिए कमीशन एजेंटों को कुर्सियों की व्यवस्था करने का आदेश दिया। इसके अलावा, 53 अटल किसान-मजदूर कैंटीन चलाई जा रही हैं, जिससे किसानों और कर्मचारियों को भोजन की कोई परेशानी नहीं होगी। सभी उपायुक्तों को खरीद प्रक्रिया की निगरानी के लिए टीमें गठित करने के निर्देश दिए गए हैं।

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