
कुरुक्षेत्र का गीता स्थली ज्योतिसर जल्द ही विश्व का सबसे भव्य और ऐतिहासिक पर्यटन स्थल बनेगा। 250 करोड़ रुपये की विकास परियोजना से पर्यटकों को मिलेगा गीता और कुरुक्षेत्र के इतिहास का जीवंत अनुभव। मुख्यमंत्री सैनी ने विकास कार्यों की समीक्षा की।
गीता स्थली ज्योतिसर को विश्व का सबसे भव्य और ऐतिहासिक पर्यटन स्थल बनाने के लिए सरकार ने बड़े पैमाने पर विकास कार्य शुरू कर दिए हैं। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत में बताया कि इस महत्त्वाकांक्षी प्रोजेक्ट पर लगभग 250 करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है। जल्द ही ज्योतिसर अनुभव केंद्र का निर्माण पूरा कर इसे आम जनता के लिए खोला जाएगा, जिससे देश-विदेश के पर्यटक कुरुक्षेत्र के समृद्ध इतिहास और गीता के संदेश का जीवंत अनुभव कर सकेंगे।
मुख्यमंत्री सैनी ने गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद के साथ अनुभव केंद्र के विभिन्न कक्षों जैसे स्वागत कक्ष, महाकाव्य सृजन कक्ष, प्राचीन महाभारत, कुरु वंशावली, गीता श्लोक, कृष्ण भूमिका और दसावतार आदि का निरीक्षण किया। पर्यटन विभाग के प्रधान सचिव कला रामचंद्रन ने केंद्र के विकास की विस्तृत जानकारी दी।
मुख्यमंत्री सैनी ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि ज्योतिसर अनुभव केंद्र के शेष छोटे-छोटे निर्माण कार्य भी जल्द से जल्द पूरा किए जाएं। उन्होंने कहा कि भगवान श्री कृष्ण ने इसी पावन कुरुक्षेत्र भूमि पर गीता के उपदेश दिए थे, और इसी इतिहास को ध्यान में रखते हुए यहां के विकास को प्राथमिकता दी जा रही है।
उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की सांस्कृतिक विरासत को नई मजबूती मिली है। गीता स्थली को विश्व के सबसे दर्शनीय और ऐतिहासिक स्थलों में से एक बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कल्पना चावला तारामंडल को पर्यटकों के लिए जल्द पुनः खोलने के निर्देश भी दिए हैं।
इस अवसर पर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद, पूर्व राज्यमंत्री सुभाष सुधा, जयभगवान शर्मा, पर्यटन विभाग के निदेशक डॉ. शालीन, उपायुक्त नेहा सिंह सहित कई अन्य अधिकारी और बोर्ड सदस्य उपस्थित थे। सभी ने ज्योतिसर अनुभव केंद्र की आगामी योजनाओं का विस्तृत पीपीटी के माध्यम से अवलोकन किया।
यह विकास परियोजना न केवल कुरुक्षेत्र को एक प्रमुख पर्यटन स्थल बनाएगी, बल्कि भारत की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर को भी विश्व पटल पर उजागर करेगी।
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