CM Yogi Adityanath ने दिया यूपी को बड़ा उपहार: हर जिले में बनेंगे 100 बेड वाले आयुष हेल्थ वेलनेस सेंटर, छह मंडलों को मिलेंगे नए आयुष कॉलेज

“उत्तर प्रदेश के CM Yogi Adityanath ने गोरखपुर में पहले आयुष विश्वविद्यालय का लोकार्पण किया। हर जिले में 100 बेड वाले आयुष वेलनेस सेंटर और छह नए आयुष कॉलेजों की घोषणा की गई।”
उत्तर प्रदेश के CM Yogi Adityanath ने प्रदेश को स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक सौगात दी। गोरखपुर में महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय के लोकार्पण समारोह में सीएम योगी ने घोषणा की कि राज्य सरकार हर जिले में कम से कम 100 बेड वाले आयुष हेल्थ वेलनेस सेंटर स्थापित करेगी। साथ ही, उन छह मंडलों में नए आयुष महाविद्यालय खोलने का निर्णय लिया गया है, जहां अभी तक ऐसी सुविधा उपलब्ध नहीं थी।
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आयुष के क्षेत्र में यूपी की ऐतिहासिक पहल| CM Yogi Adityanath
CM Yogi Adityanath ने कहा कि यह विश्वविद्यालय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से बनाया गया है और यह उत्तर प्रदेश का पहला आयुष विश्वविद्यालय है। उन्होंने कहा, “2014 के पहले भारत की प्राचीन चिकित्सा पद्धतियों को वह सम्मान नहीं मिला, जिसके वे हकदार थीं। पीएम मोदी ने आयुर्वेद, योग, यूनानी, होम्योपैथी, नेचुरोपैथी और सिद्धा को एक मंच पर लाकर आयुष मंत्रालय की स्थापना की।”
वेलनेस सेंटर में मिलेंगी आधुनिक व पारंपरिक सेवाएं
हर जिले में बनने वाले आयुष हेल्थ वेलनेस सेंटरों में पंचकर्म, क्षारसूत्र जैसी प्राचीन चिकित्सा विधाओं की सुविधाएं उपलब्ध होंगी। ये केंद्र आमजन को आयुर्वेदिक और प्राकृतिक चिकित्सा का लाभ पहुंचाने के साथ-साथ हेल्थ टूरिज्म को भी बढ़ावा देंगे।
विश्वविद्यालय बनेगा रिसर्च और रोजगार का केंद्र
CM Yogi Adityanath ने कहा कि यह विश्वविद्यालय केवल शिक्षा का केंद्र नहीं होगा, बल्कि यह रिसर्च एंड डेवलपमेंट, हर्बल खेती, और हेल्थ टूरिज्म के माध्यम से किसानों और युवाओं को रोजगार के अवसर भी प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि आयुष आधारित चिकित्सा व्यवस्था को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाने और पारंपरिक ज्ञान प्रणाली को वैज्ञानिक आधार देने की दिशा में यह विश्वविद्यालय अहम भूमिका निभाएगा।
नाथपंथ और आयुर्वेद का गहरा संबंध
CM Yogi Adityanath ने नाथपंथ और आयुर्वेद के पारंपरिक संबंध को रेखांकित करते हुए कहा कि रसशास्त्र और धातु विज्ञान जैसे विषयों का विकास नवनाथों और चौरासी सिद्धों की परंपरा से जुड़ा है। उन्होंने कहा कि महायोगी गुरु गोरखनाथ ने आयुर्वेद की पद्धतियों को व्यवस्थित रूप दिया, जिससे यह जन-जन तक पहुंच सकी।
समारोह में राष्ट्रपति और राज्यपाल की उपस्थिति
गोरखपुर में हुए इस ऐतिहासिक समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं, जबकि उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल विशिष्ट अतिथि रहीं। इस अवसर पर आयुष राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’, और विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. के. रामचंद्र रेड्डी ने भी संबोधन दिया।
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