सीएम योगी आदित्यनाथ का बड़ा फैसला: नॉन-हाइब्रिड धान कुटाई में 1% रिकवरी की छूट, राइस मिलर्स और किसानों को मिलेगा बड़ा लाभ
सीएम योगी आदित्यनाथ ने नॉन-हाइब्रिड धान कुटाई में 1% रिकवरी छूट देने का बड़ा ऐलान किया। ₹167 करोड़ की प्रतिपूर्ति से किसानों और राइस मिलर्स को मिलेगा सीधा लाभ, बढ़ेगा रोजगार और निवेश।
उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने किसानों और राइस मिलर्स के हित में एक अहम फैसला लेते हुए नॉन-हाइब्रिड धान कुटाई में 1% रिकवरी की छूट देने की घोषणा की है। यह निर्णय राज्य सरकार की ओर से किसानों और मिलर्स की समस्याओं के समाधान के लिए उठाया गया एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि “अन्नदाता किसान और राइस मिलर्स की भावनाओं का सम्मान करते हुए यह निर्णय लिया गया है। नॉन-हाइब्रिड धान की कुटाई में 1% रिकवरी छूट की प्रतिपूर्ति राज्य सरकार अपने बजट से करेगी।” इसके लिए सरकार ने ₹167 करोड़ की प्रतिपूर्ति की मंजूरी दी है।
किसानों और राइस मिलर्स को मिलेगा सीधा फायदा
सरकार के इस निर्णय से 13 से 15 लाख किसानों और 2000 से अधिक राइस मिलर्स को सीधा लाभ होगा। इससे राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। सीएम योगी ने कहा कि यह कदम रोजगार और निवेश को बढ़ावा देगा और चावल मिल उद्योग को नई ऊर्जा प्रदान करेगा।
राइस मिलर्स न केवल धान क्रय प्रक्रिया की रीढ़ हैं, अपितु प्रदेश में रोजगार सृजन के महत्वपूर्ण आधार भी हैं।
विगत दिनों नॉन-हाइब्रिड धान में अपेक्षित रिकवरी न मिलने की समस्या संज्ञान में आई थी।
अतः अन्नदाता किसान और राइस मिलर्स की भावनाओं का यथोचित सम्मान करते हुए निर्णय लिया गया…
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) November 4, 2025
रोजगार सृजन और निवेश में वृद्धि
योगी सरकार के इस निर्णय से प्रदेश में करीब 2 लाख नए रोजगार अवसर बनने की उम्मीद है। साथ ही, स्थानीय उत्पादन बढ़ने से अब पीडीएस (Public Distribution System) के लिए बाहर से चावल आयात करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इससे राज्य की अर्थव्यवस्था में सालाना करोड़ों की बचत होगी।
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सीएम योगी आदित्यनाथ का बयान
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, “राइस मिलर्स न केवल धान क्रय प्रक्रिया की रीढ़ हैं, बल्कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन के महत्वपूर्ण स्तंभ भी हैं। यह निर्णय न केवल चावल मिल उद्योग को प्रोत्साहित करेगा बल्कि किसानों की आय बढ़ाने में भी मददगार साबित होगा।”
पहले से लागू हैं अन्य रियायतें
गौरतलब है कि सरकार पहले से ही हाइब्रिड धान की कुटाई पर 3% रिकवरी छूट दे रही है। हर साल इसके लिए लगभग ₹100 करोड़ की प्रतिपूर्ति की जाती है। अब नॉन-हाइब्रिड धान को भी इस योजना के दायरे में लाने से चावल उद्योग को और प्रोत्साहन मिलेगा।
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