
पंजाब विधानसभा में धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी पर नया कानून लाने की तैयारी। गैर-जमानती अपराध माना जाएगा, दोषियों को 10 साल की सजा या उम्रकैद और 5-10 लाख का जुर्माना।
पंजाब विधानसभा में धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी से जुड़े मामलों पर कड़ा कानून लाने को लेकर बहस तेज़ हो गई है। पंजाब सरकार द्वारा पेश किए गए नए “बेअदबी बिल” में धार्मिक ग्रंथों के अपमान को गैर-जमानती और गैर-माफ़ी योग्य अपराध की श्रेणी में रखा गया है। इस अपराध के लिए 10 साल की न्यूनतम सजा या उम्रकैद और 5 से 10 लाख रुपये तक का जुर्माना प्रस्तावित किया गया है।
क्या है बेअदबी बिल का मुख्य उद्देश्य?
कैबिनेट मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने सदन में कहा कि यह कानून करोड़ों श्रद्धालुओं की धार्मिक आस्था की रक्षा के लिए लाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस कानून में सभी धार्मिक ग्रंथों जैसे गुरु ग्रंथ साहिब, गीता, कुरान और बाइबल को शामिल किया गया है।
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किन कृत्यों को अपराध माना जाएगा?
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धार्मिक ग्रंथों को जलाना, फाड़ना, गाली देना या छेड़छाड़ करना
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इस अपराध में शामिल किसी भी व्यक्ति को 3 से 5 साल तक की सजा
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अपराध की जांच केवल DSP या उससे वरिष्ठ अधिकारी द्वारा की जाएगी
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ट्रायल सेशन कोर्ट में चलेगा
सदन में तीखी बहस, विपक्ष पर हमला
मंत्री हरजोत बैंस ने पूर्व सरकारों और अकाली दल पर निशाना साधते हुए कहा कि जिन लोगों ने धर्म की सेवा का वादा किया था, वही लोग बेअदबी और नशे के व्यापार में लिप्त पाए गए। उन्होंने कहा कि राजनीतिक लाभ के लिए गुरुद्वारों में बैठे शांतिपूर्ण संगत पर गोलियां चलाई गईं, जो आज भी न्याय की मांग कर रही है।
क्या कहा सरकार ने?
बिल को सिलेक्ट कमेटी के पास भेज दिया गया है, ताकि विस्तृत विचार-विमर्श के बाद इसे पारित किया जा सके। मंत्री बैंस ने विश्वास जताया कि इस कानून के अमल में आने के बाद राज्य में बेअदबी की घटनाओं पर सख्त रोक लगेगी।
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